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अल्मोड़ा। वैसे तो पूरा उत्तराखंड देव मंदिरों से भरा है। यही कारन है कि इसे देवभूमि भी कहा जाता है। यहां हर जिले में कोई न कोई बड़ा तीर्थस्थल है, जहां हमेशा श्रद्धालुओं का तांता रहता है। आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसे ही एक मंदिर (Unique Temple) के बारे में बताने जा रहे हैं जो अल्मोड़ा मुख्य शहर से तकरीबन 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह है न्याय के देवता गोल्ज्यू महाराज का मंदिर। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जब किसी को कोर्ट-कचहरी या फिर अन्य जगहों से न्याय नहीं मिलता है, तो वह यहां आकर गोलू देवता के समक्ष अर्जी लगाता है और न्याय की गुहार लगता है।(Unique Temple)

बता दें कि चितई गोलू देवता मंदिर में न्याय की गुहार लगाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा लिखी गईं चिट्ठियां बताती हैं कि गोल्ज्यू महाराज के न्याय पर लोगों की कितनी गहरी आस्था है। मंदिर परिसर में आपको असंख्य घंटियों के साथ हजारों चिट्ठियां भी देखने को मिल जाएंगी।(Unique Temple)

कहते हैं विश्व विख्यात चितई गोलू देवता मंदिर (Unique Temple) में अर्जी लगाने वाले भक्तों की मनोकामनाएं जब पूर्ण हो जाती हैं, तो वे यहां आकर घंटी चढ़ाते हैं। वहीं कई श्रद्धालु मंदिर परिसर में ही भंडारा, प्रसाद वितरण आदि कार्यक्रम भी करवाते हैं। यह मंदिर सुबह 5 बजे खुल जाता है और शाम तक आप यहां भगवान के दर्शन कर अपनी अर्जी लगा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश से चितई गोलू देवता मंदिर (Unique Temple) में आए एक श्रद्धालु ने बताया कि वह पहली बार चितई गोलू देवता के मंदिर आए हैं। उन्होंने इस मंदिर के बारे में काफी सुना था। मंदिर में लोगों ने चिट्ठियों पर अपनी मन्नत लिखी है। उसे बताया कि उन्होंने भी भगवान के सामने अपनी अर्जी लगाई है, अगर उनकी मनोकामना भी पूरी होगी तो वह फिर से मंदिर आकर भगवान के दर्शन करेंगे और घंटी चढ़ाएंगे। (Unique Temple)

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