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लखनऊ। यूपी वन निगम में बहुमूल्य लकड़ियों की नीलामी में खेल (UP Forest Corporation E-Auction Scam) के मामले पर मंत्री ने संज्ञान लिया है। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। बताया जा रहा है कि यदि कम्प्यूटर की जांच कराई जाए तो साफ्टवेयर से छेड़छाड़ साबित हो जाएगी।सूत्रों कि मानें तो डीएसएम बहराइच को जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि मुख्य तौर पर डीएसएम बहराइच ही नीलामी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन जारी की गई विक्रय सूची में अंतर पाए जाने को लेकर संदेह के घेरे में हैं। विभागीय जानकारों का कहना है कि पूरे मामले की जांच बड़े अधिकारी से कराए जाने पर ही दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा।

बहरहाल, नीलामी में खेल के इस मामले में कम्प्यूटर सेक्शन, साफ्टवेयर फर्म, विपणन और मार्केटिंग के अधिकारी और कर्मचारी भी संदेह के दायरे मे हैं। अब जांच कितनी निष्पक्ष तरीके से हो पाती है। यह आने वाला समय ही बताएगा। (UP Forest Corporation E-Auction Scam)

क्या है मामला?

यूपी वन निगम में अपनों को रेवड़ी बांटने के लिए वर्षों से साफ्टवेयर के जरिए गड़बड़ी किया जा रहा है। ताजा मामले में लकड़ियों की नीलामी के लिए जारी ऑनलाइन और ऑफलाइन जारी की गई विक्रय सूची में बड़ा अंतर सामने आया है। शिकायत के बाद अफसर मामले को मैनेज करने में जुटे हैं। शिकायती पत्र के अनुसार, 12 अगस्त को भिनगा ए डिपो के सार्वजनिक नीलामी की 36 पेज की सूची वन निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उसमें खैर लकड़ी शामिल नहीं है। सूची पर तिथि 8 अगस्त 2023 अंकित है। इसके उलट डिपो पर नीलामी के लिए उपलब्ध ऑफलाइन विक्रय सूची 67 पेज की है। उसमें खैर लकड़ी की 101 लाट शामिल है। विभागीय जानकारों के मुताबिक खैर कि लकड़ी की कीमत करोड़ों में है। (UP Forest Corporation E-Auction Scam)

अधिकारियों ने चहेतों की जेबें भरने के लिए निकाला नया रास्ता

शिकायत पत्र के अनुसार, वन निगम की वेबसाइट पर भिनगा ए डिपो की आधी अधूरी विक्रय सूची 11 अगस्त को प्रदर्शित की गई। ऐसी परिस्थिति में दूर दराज से आने वाले क्रेता को इसकी जानकारी समय से नहीं मिल सकेगी तो फिर वह समय से नहीं पहुंच सकेगा। वन निगम में यह खेल (UP Forest Corporation E-Auction Scam) वर्षों से चल रहा है। अधिकारियों ने अपने चहेतों की जेबें भरने के लिए यह नया रास्ता खोज निकाला है।

क्या कहते हैं वन निगम के प्रबंध निदेशक

मामले को लेकर निगम के प्रबंध निदेशक अनुपम गुप्ता का कहना है कि जाँच अधिकारी को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। डीएसएम बहराइच को जाँच अधिकारी बनाये जाने कि बात पर एमडी वन निगम का साफ तौर पर कहना था कि उन्हें जाँच अधिकारी नहीं बनाया जा रहा है। (UP Forest Corporation E-Auction Scam)

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