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Up kiran,Digital Desk : यहाँ उत्तर प्रदेश के बदलते औद्योगिक स्वरूप और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में उसकी बादशाहत पर आधारित एक नेचुरल और जानकारीपूर्ण आर्टिकल है। इसे बहुत ही सरल और गर्व महसूस कराने वाली शैली में लिखा गया है।

अक्सर जब टेक्नोलॉजी, आईटी या बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों की बात होती थी, तो हमारे दिमाग में बंगलुरु, पुणे या नोएडा (NCR) की छवि उभरती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में जो बदलाव उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों में आया है, उसने पूरी तस्वीर बदल दी है। दुनिया भर की मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां अब चीन को छोड़कर भारत, और खास तौर पर उत्तर प्रदेश की तरफ भाग रही हैं।

वजह साफ़ है—यूपी अब सिर्फ जनसंख्या या राजनीति का केंद्र नहीं रहा, बल्कि यह देश का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है। आइए, इन आंकड़ों के पीछे की कहानी आसान भाषा में समझते हैं।

हर दूसरा फ़ोन यूपी से बनकर निकल रहा है

यह सुनने में शायद यकीन न हो, लेकिन सरकारी आंकड़े यही गवाही दे रहे हैं। पूरे भारत में जितने भी मोबाइल फोन बन रहे हैं, उनमें से 55% अकेले उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे हैं। यानी अगर आपके परिवार में दो मोबाइल हैं, तो बहुत मुमकिन है कि उनमें से एक यूपी की किसी फैक्ट्री से बनकर आया हो।

निर्यात (Export) के मामले में भी राज्य ने कमाल कर दिया है। 2017 में जहाँ यूपी से इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात सिर्फ 3,862 करोड़ रुपये का था, वह 2024-25 में कई गुना बढ़कर 44,744 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। कुल मिलाकर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी का निर्यात 82,000 करोड़ के पार जा चुका है।

आखिर कंपनियां यूपी क्यों आ रही हैं?

अब सवाल यह है कि दुनिया की दिग्गज कंपनियां यूपी में ही पैसा क्यों लगा रही हैं? इसके पीछे कुछ बड़े कारण हैं:

  1. सुरक्षा और भरोसा: निवेशकों को सबसे ज्यादा डर 'माहौल' का लगता था। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून-व्यवस्था सुधरी है, जिससे बड़े बिजनेसमैन निडर होकर निवेश कर रहे हैं।
  2. युवा शक्ति और सस्ता मैनपावर: यूपी में युवाओं की कमी नहीं है। कंपनियों को यहाँ काम करने वाले लोग आसानी से और कम लागत (Low Cost Labor) में मिल जाते हैं।
  3. आसान नियम: 'सिंगल विंडो सिस्टम' के आने से फैक्ट्री लगाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते।
  4. सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2024: सरकार ने अब चिप बनाने वाली कंपनियों के लिए भी रास्ते खोल दिए हैं। यह पॉलिसी भविष्य में लाखों नौकरियों का दरवाजा खोलेगी।

भविष्य महानगरों तक सीमित नहीं

इस बदलाव का सबसे बड़ा संकेत यह है कि अब टेक्नोलॉजी सिर्फ मुंबई या बंगलुरु जैसे महानगरों की जागीर नहीं रही। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में 'इंडस्ट्रियल टाउनशिप' बन रही हैं। कच्चा माल आसानी से मिल रहा है और लॉजिस्टिक्स की लागत कम आ रही है।

जिस रफ़्तार से यूपी आगे बढ़ रहा है, वह दिन दूर नहीं जब यह कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में दुनिया के नक्शे पर एक बड़ा नाम बनकर उभरेगा। यह यूपी के युवाओं के लिए भी सुनहरे भविष्य की शुरुआत है