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UP News: यूपी में आगामी उपचुनावों के लिए टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस पार्टी फिलहाल समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ चर्चा कर रही है। यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब सपा ने उपचुनाव वाली 10 विधानसभा सीटों में से छह के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

सपा के इस कदम के बावजूद कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे सीटों का हिस्सा मिलेगा। पार्टी उपचुनाव में पांच सीटें मांग रही है, हालांकि अभी तक कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने भरोसा जताया कि चल रही बातचीत से सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।

पांडे ने कहा, "यदि परिणाम हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे तो हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं में निराशा स्वाभाविक है। हालांकि, हम उत्तर प्रदेश में जंगल राज के युग को समाप्त करने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं।"

बता दें कि सपा ने हाल ही में करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर नगर), मिल्कीपुर (अयोध्या), कटेहारी (अंबेडकरनगर), फूलपुर (प्रयागराज) और मझवां (मिर्जापुर) सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। गौरतलब है कि फूलपुर और मझवां उन पांच सीटों में से दो थीं, जिन पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ने की उम्मीद की थी।

इस बीच, कांग्रेस के एक आंतरिक सूत्र ने सुझाव दिया कि उम्मीदवारों के नाम का सपा का फैसला हरियाणा में कांग्रेस की हार से प्रभावित था, जिसे सपा अपने सहयोगी की स्थिति के कमजोर होने के रूप में देख रही थी। हालांकि, पांडे ने इस टकराव को कमतर आंकते हुए जोर दिया कि दोनों दल अभी भी राज्य में भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती देने के अपने बड़े लक्ष्य में एकजुट हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हरियाणा में हमारी हार अति आत्मविश्वास के कारण हुई, मगर उत्तर प्रदेश में हम जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।" "कांग्रेस और सपा मिलकर भाजपा के जंगल राज को चुनौती देंगे और जीत के लिए जोर लगाएंगे।"

इसके अलावा, पांडे ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में जटिलताएं हैं, मगर गठबंधन बरकरार है, टिकट वितरण एक छोटा मुद्दा है जिसे सुलझाया जा सकता है। उन्होंने हरियाणा में हाल ही में हुई हार को भी एक चेतावनी के रूप में स्वीकार किया और कांग्रेस से आगामी चुनावों में कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया।
 

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