UP News: योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य भर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सड़क किनारे स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का "नाम और पहचान" प्रदर्शित करने का आदेश दिया है। भोजनालयों पर मालिकों की 'नेमप्लेट' लगानी होगी। कांवड़ यात्रियों की आस्था की "पवित्रता" को बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया गया है। हलाल प्रमाणपत्र वाले उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम शो करने का आदेश दिया था ताकि किसी भी "भ्रम" से बचा जा सके। एक दिन बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरे राज्य में यही आदेश दिया।
इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने सरकार के कदम को "अव्यावहारिक" बताया और इसे तुरंत वापस लेने को कहा। उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल अव्यावहारिक है। वे समाज में भाईचारे की भावना को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लोगों के बीच दूरी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।"
समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने आरोप लगाया कि सरकार हिंदुओं को "मुस्लिम बहिष्कार" का आह्वान देने का प्रयास कर रही है, जिससे दोनों समुदायों के बीच खाई पैदा होगी।
उन्होंने कहा, "मुसलमानों का बहिष्कार करने और हिंदुओं की दुकानों पर जाने का संदेश दिया जा रहा है...यह सांप्रदायिक सोच कब तक चलेगी? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं...दोनों समुदायों के बीच खाई पैदा की जा रही है। इस तरह के आदेश रद्द किए जाने चाहिए।"
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