Up News:बुलंदशहर में कुर्ता पजामा गलत सिलना और न्यायालय जिला उपभोक्ता आयोग के द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद जवाब दाखिल न करना टेलर का भारी पड़ गया। न्यायालय जिला उपभोक्ता ने अपने फैसले में टेलर को वादी के कपड़े की कीमत, सिलाई की कीमत और वाद व्यय की कीमत ब्याज समेत अदा करने का निर्णय सुनाया है।
बुलंदशहर न्यायालय जिला उपभोक्ता ने बड़ा फैसला सुनाया है। गलत कुर्ता-पजामा सिलने वाले टेलर को कपड़े की कीमत देनी होगी। साथ ही सिलाई का पैसा भी देना होगा। आरोपी दो माह के अंदर पीड़ित के कपड़ों की सिलाई कीमत 750 रुपये और कपड़ों की कीमत 1500 रुपये 15 मई 2018 से तारीख भुगतान तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।
न्यायालय जिला उपभोक्ता आयोग के पीए शेखर वर्मा ने बताया कि डीएम कालोनी निवासी एमपी सिंह ने न्यायालय जिला उपभोक्ता आयोग में अपना वाद दायर किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि पांच मई 2018 को उन्होंने अपना कुर्ता व पाजामा का कपड़ा सिलाई के लिए काला आम स्थित शर्मा इंटर कालेज मार्केट में सिल्को टेलर्स एण्ड फैब्रिक्स के प्रोपराईटर अबरार अहमद अंसारी को दिया था।
नोटिस जारी होने के बाद भी आयोग के सामने नहीं गया टेलर
सिल्को टेलर ने उसके कपड़े दिनांक 13 मई 2018 को सिलकर दिए तो वह बहुत ही बेतरतीब थे। जो नाप दी गई थी उस प्रकार से कपड़े नहीं सिले गए थे। कपड़े पहनने के लायक नहीं होने की वजह से पीड़ित एमपी सिंह ने इसकी शिकायत सिल्को टेलर से की तो उसने अनसुना कर दिया। तब मजबूर होकर पीड़ित एमपी सिंह ने विपक्षी सिल्को टेलर्स के खिलाफ आयोग के समक्ष मुकदमा दायर किया। लेकिन विपक्षी सिल्को टेलर्स नोटिस जारी होने के बावजूद भी आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और न ही उसने अपना कोई जवाब दाखिल किया।
वाद व्यय के लिए भी पांच हजार रुपये अदा करे
इस पर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह, सामान्य सदस्य मोहित कुमार त्यागी और महिला सदस्य नीलम कुमारी ने परिवादी का पक्ष सुनकर परिवादी के पक्ष में अपना निर्णय सुनाया है। उन्होंने आदेशित किया कि आरोपी दो माह के अंदर पीड़ित के कपड़ों की सिलाई कीमत 750 रुपये और कपड़ों की कीमत 1500 रुपये 15 मई 2018 से तारीख भुगतान तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करे। साथ ही कहा है कि आरोपी पक्ष पीड़ित पक्ष को उपरोक्त अवधि के अंदर मानसिक क्षतिपूर्ति पांच हजार रुपये और वाद व्यय के लिए भी पांच हजार रुपये अदा करे। ऐसा न करने पर उक्त समस्त धनराशि पर निर्धारित अवधि के बाद से तारीख भुगतान तक 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी आरोपी के द्वारा देय होगा।
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