Panchayat Election : सबकी टैंपो हाई है सभी हमारे भाई हैं

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Panchayat Election। उत्तर प्रदेश के गांवों में आजकल उत्सव जैसा माहौल है। Panchayat Election की बयार मंद-मंद बह रही है। खेतों और खलिहानों में मुर्गा पार्टी हो रही है, अब मुर्गा पार्टी में दारू तो चलती ही है। मुर्गा और मीट मरदाताओं के घर भी पहुंचाए जा रहे हैं। इसके साथ ही पनीर, रसगुल्ले, बर्फी और कलाकंद जैसी मिठाइयां भी शाकाहारियों को भेंट की जा रही हैं। चूड़ी, बिंदी, साड़ी और शेम्पू भी उदार मन से लोगों के घरों में ख़ुशी-ख़ुशी पहुंचकर रिंकिया से लेकर बूढ़ी दादी को लुभा रहा है। Panchayat Election हर कोई खासकर उम्मीदवार संस्कारों तले दबे नजर आ रहे हैं। मजाल है कि किसी के मुंह से अशब्द निकल जाय। पैलगी और बंदगी तो लोगन के स्थाई भाव बन चूका है। सच में कहें तो यूपी के गांवों में राम राज्य आ गया है।

Panchayat Election राम राज्य में हर कोई मस्त और व्यस्त है। सारी आफ़तें और खतरे टल गए हैं। उम्मीदवार रात में भयहीन होकर मतदाताओं की कुशल-क्षेम पूछ रहे हैं तो मतदाता भी निर्भय होकर खेतों में गेहूं की कटाई कर रहे हैं। प्यास लगने के पहले कोई न कोई उम्मीदवार दाना-पानी लेकर आ ही जाता है। किसानों मजदूरों के थकने के पहले खेतों में ही देसी-अंग्रेजी मय चखने के इठलाती हुई खेतों में ही पहुंच जाती है। व्रतियों को फलाहार के लिए सोचना नहीं पड़ रहा है। मंगलवार को तो हर उम्मीदवार व्रतियों के लिए स्पेशल फलाहार अपनी पत्नी या मां से तैयार करवा रहा है।

पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के मौसम में गांवों में दिन में होली और रात को दिवाली मन रही है। सबकी जय-जयकार हो रही है। सबकी टैंपो हाई है। सभी हमारे भाई हैं। भगवान् करें सभी प्रधान और बीडीसी हो जाएं। सब भैया प्रमुख हो जाएं। सबकी बढ़ती होये। मतलब ! फिर लड़ाई कैसी और किससे ? इतने में मंगरुआ बोल पड़ा। भैया सबके खाई सबके जिताई। मंगरुआ को सुनकर अपनी बहन के घर रह रहा सिकंदर जोश से उछलकर मजाकिया अंदाज में चिल्लाया — जीति गए भैया हमार – बोलो – स – र – र – रा —- हारि गए भौजी के भाइ बोलो – बोलो – स – र – र – रा।

(लंतरानी )

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