सीएम सोशल-मीडिया टीम कर्मी Partha Srivastava की मौत को लेकर घटना के दो दिन बाद भी FIR नहीं, बहन बोली…

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लखनऊ। सीएम सोशल-मीडिया टीम में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव (Partha Srivastava) की आत्महत्या के बाद यह खुलासा हुआ है। मौत को गले लगाने से पहले पार्थ के द्वारा लिखा गया दो पत्र का मजमून भी इसकी पुष्टि कर रहा है कि टीम में “जानलेवा गुटबाजी” चरम पर है। उन्होंने मौत से पहले सीएम को टैग करते हुए टवीट भी किया था। जिसमें उन्होंने अपनी आत्महत्या को हत्या बताया था। पर उनकी मौत के बाद यह टवीट भी डिलीट कर दिया गया।

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सीएम कार्यालय से जुड़ा यह पूरा घटनाक्रम व्यवस्था से जुड़े अफसरों के नाकारेपन की कहानी बयां कर रहा है। वहीँ घटना के दो दिन भी अबतक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। नाम न छापने की शर्त पर विभाग के ही एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक एफआईआर दर्ज होने की कोई जानकारी नहीं है। मामला बड़े अफसरों के संज्ञान में है।

सुसाइड नोट के मुताबिक सीएम सोशल-मीडिया टीम के सीनियर पुष्पेंद्र सिंह के उत्पीड़न से तंग आकर कर्मी ने यह आत्मघाती कदम उठाया। पत्र में टीम के अन्य कई सदस्यों का भी जिक्र है। पर अब तक इस मामले ने ही एफआईआर दर्ज हुई है और न ही कानूनी कारवाई आगे बढ सकी है। सुसाइड नोट में साफ कहा गया है कि कार्य स्थल पर सीनियर्स राजनीति करते थे। उनका उत्पीड़न करते थे। पार्थ ने सुसाइड नोट में कहा है कि उन्होंने सिर्फ काम के जरिये अपना नाम बनाना चाहा। गल्तियां भी हुईं पर गल्तियां न दोहराने की पूरी कोशिश भी की। पर कुछ चाटुकारिता करने वाले अपनी जगह थे। उन्होंने मेरी छोटी से छोटी गल्तियों को सबके सामने उजागर कर मुझे नाकारा साबित कर दिया था।

उधर पार्थ की बहन ने सीएम सोशल मीडिया टीम के कर्मियों पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों मिलकर उनके भाई को प्रताड़ित करते थे। उनकी प्रताड़ना से तंग आकर पार्थ ने आत्महत्या की और मौत से पहले व्हाटसएप पर सुसाइड नोट भेजा। उनके मुताबिक पार्थ का फोन पुलिस के पास था।

Partha Srivastava की बहन ने कहा कि पुलिस बताए कि उनके भाई का टवीट आखिर किसने डिलीट किया। अब तक एफआईआर नहीं लिखी गई। मौत से पहले लिखे गए पत्र में तीन अन्य नाम भी दर्ज हैं। पर अब तक पुलिस ने इन तीनों पर एक्शन नहीं लिया है। आरोपियों में दो मान्यता प्राप्त पत्रकार भी शामिल हैं।

रिटायर आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने खोली पोल

रिटायर आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने टिवटर पर लिखा है कि एक बच्चा था पार्थ, अक्सर ट्विटर पर मुझे अभद्र भाषा में जवाब देता था। आज मालूम चला वह मुख्यमंत्री की आधिकारिक सोशल-मीडिया हब का सदस्य था और उसने आत्महत्या कर ली है। मौत से पहले उसने @ShishirGoUP से न्याय की गुहार का एक ट्वीट कियाए जो अब हटा लिया गया है।
इस प्रकरण की जाँच हो।

सीएम सोशल-मीडिया टीम के दो सदस्यों की बतौर पत्रकार मान्यता भी

सूर्य प्रताप सिंह ने अपने टिवटर पर लिखा है कि सोशल मीडिया टीम में काम करने वाले दो पत्रकारों की एक अखबार से राज्य मुख्यालय की मान्यता भी है। आखिर नियम विरूद्ध उन्हें यह कैसे दिया गया। इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने बाकायदा इससे जुड़े कागजात के स्क्रीन शाट भी अपने टिवटर पर लगाए हैं।

बड़ी खबर: सीएम की सोशल-मीडिया टीम सदस्य ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा…
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