लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना वायरस सरीखी विश्वव्यापी महामारी से जंग में जुटी है। उधर अफसरों ने इसी जंग की आड़ में अपना मनमाफिक काम सिद्ध करने का रास्ता निकाल लिया। लोकभवन में एक ऐसी क्रिएटिव एजेंसी को कमरे आवंटित कर दिए गए, जो दिवालिया (Bankruptcy) का मामला झेल रही है। Insolvency and Bankruptcy Board of India(भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड) में बाकायदा इसका मामला भी दर्ज है। इसके बावजूद हाल ही में क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड को मुख्यमंत्री क्रिएटिव एजेंसी के रूप में नामित कर दिया गया। साफ है कि अफसरों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति भा नहीं रही है।इस मामले में प्रणव कुमार (अंतरिम समाधान प्रोफेशनल के रूप में कार्यरत ऋण शोध अक्षमता प्रोफेशनल)से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इस मामले को 22 May 20 को रफा-दफा कर दिया गया है और कम्पनी नॉर्मल स्टेज में आ गयी है।
अधिकरण ने क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के लेनदारों को अपने दावों का प्रमाण 3 अप्रैल तक समाधान प्रोफेशनल को सौंपने का मौका दिया है। इधर यह सारी प्रक्रिया जारी है।
उधर प्रदेश में क्रिएटिव एजेंसी के चयन से संबंधित फाइनेंशियल बिड खोली जा रही थी। इसमें चार एजेंसियां शामिल थी। आनन फानन में क्रेयोन्स की बिड रैंक—1 घोषित कर क्रिएटिव एजेंसी के रूप में चयनित कर लिया गया।
सूचना महकमे से मिलता है छदम नाम की कम्पनी को सबसे ज्यादा काम
सूचना महकमे से रेवड़ी बटोरने के लिए इसी एजेंसी की छदम नाम से कई एजेंसियां संचालित हैं। सूचना एवं जनसम्पर्क महकमे में ओमनी कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड इसी कम्पनी से जुड़ी हुई एजेंसी है।
विभागीय जानकारों के मुताबिक सूचना महकमे से सबसे ज्यादा व्यवसाय इसी कम्पनी को प्राप्त होता है।
डिफेंस एक्सपो के दौरान हुई थी किरकिरी
आपको ज्ञात होगा कि प्रचार प्रसार के लिए बीते महीनों हुए डिफेंस एक्सपो के दौरान सूचना विभाग द्वारा ओमनी से कई क्रिएटिव बनवाए गए थे। जिसमें से एक क्रिएटिव में टर्की का लड़ाकू हेलीकाप्टर की फोटो प्रदर्शित किए जाने पर काफी हंगामा हुआ था। चूक बड़ी थी पर अफसरों ने उस घटना को भी नजरअंदाज कर दिया।
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