लाइफस्टाइल। आयुर्वेद में मुलेठी का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. मुलेठी में विटामिन बी और विटामिन ई, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम, कैल्शियम और जिंक भारी मात्रा में पाया जाता है. साथ ही इसमें कई आवश्यक फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. मुलेठी का सेवन आपको कई तरह की बीमारियों से बचा सकता है. आइये जानते हैं इसके फायदों के बारे में…
श्वसन तंत्र में संक्रमण से लड़ने में सहायक
गले में खराश हो या फिर सर्दी, खांसी और अस्थमा, श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण के इलाज में मुलेठी काफी लाभकारी है. चूंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं इसलिए यह ब्रोन्क्रियल ट्यूब्स की सूजन को कम करने में मदद करती है और वायुमार्ग को शांत करती है. इसके अलावा यह श्वसन संबंधनी बीमारियों और बलगम से होने वाले रोगाणुओं से लड़ने में भी मदद करती है.
पाचन में करे सुधार
मुलेठी पाचन में सुधार के लिए शानदार जड़ी-बूटी है. यह पेट फूलना, सूजन और पेट में गड़बड़ी को कम करती है. मुलेठी भूख बढ़ाती है, अपच को कम करती है और शरीर में पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को बढ़ावा देती है. इसकी जड़ में मौजूद कार्बेनेक्सोलोन और ग्लाइसीर्रिजिन एक हल्के रेचक के रूप में कार्य करते हैं, जिससे पेट की समस्याओं से तुरंत राहत मिलती है.
लिवर के इलाज में असरदार
मुलेठी का एंटीऑक्सीडेंट गुण मुक्त कण और विषाक्त पदार्थों की वजह से होने वाले नुकसान से लिवर को बचाता है. यह हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, पीलिया जैसे रोगो के इलाज में मदद करता है. मुलेठी की जड़ की चाय पीने से लिवर के स्वास्थ को फायदा होता है.
गठिया से राहत
गठिया के सबसे प्रमुख लक्षणों में जोड़ों के दर्द, जकड़न और सूजन शामिल है. यह गठिया के इलाज में सहायक है. इसके अलावा सूजन वाले रोगों जैसे रुमेटाइड अर्थराइटस आदि के इलाज में मुलेठी का इस्तेमाल होता है. मुलेठी की चाय पीने से सूजन और दर्द से राहत मिलती है.
इम्युनिटी बढ़ाने में फायदेमंद
यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी शरीर के सामान्य स्टेमिना (ताकत) और ऊर्जा के स्तर में सुधार करती है. मुलेठी में मौजूद बायो-एक्टिव तत्व दुर्बलता, कमजोरी और थकान को कम करते हैं और जीवन शक्ति में सुधार करते हैं. मुलेठी में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और शरीर को विभिन्न माइक्रोबियल संक्रमणों से बचाते हैं.
अल्सर में लाभकारी
मुलेठी पाउडर के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अल्सरेटिव कोलाइटिस, अल्सर, नासूर घावों या मुंह के छालों आदि के इलाज में फायदेमंद हैं. इसमें मौजूद बायोएक्टिव कम्पाउंड कार्बेनॉक्सोलोन मुंह और गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह सूजन वाली परत को तेजी से सामान्य करने और अल्सर के जोखिम को कम करने में मदद करता है.