Uttar Pradesh: विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का आगाज, 10 विभाग मिलकर करेंगे काम

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महराजगंज। जिले में एक माह तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह का शनिवार से आगाज हो गया । जिला स्तर पर अभियान का शुभारंभ नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद ने जिला क्षय रोग केन्द्र पर फीता काटकर से किया। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान 10 विभाग आपस में मिल कर कार्य करेंगे। जिले के उच्च जोखिम गांवों में अभियान के दौरान विशेष जोर रहेगा । इस दौरान मच्छरों, चूहा और छछूंदर से फैलने वाली बीमारियों के बारे में जनजागरूकता लाई जाएगी। (Uttar Pradesh)

उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नालियों और झाड़ियों की साफ-सफाई, मच्छरों पर नियंत्रण, सुकरबाड़ों और पशुबाड़ों के स्वच्छता की जानकारी, बुखार के रोगियों को चिन्हित कर जांच व उपचार, स्वच्छ पेयजल के विषय में जनजागरूकता, क्लोरिन की गोलियों का वितरण, कुपोषित बच्चों की पहचान व संदर्भन, स्कूली बच्चों में संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता, चूहा और छछूंदर के प्रति जनजागरूकता, आबादी क्षेत्र से सुकरबाड़ों को दूर करने के लिए जनजागरूकता, हाई रिस्क गांवों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्ति की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। लोगों के बीच मुख्य संदेश दिया जाएगा कि वह व्यक्तिगत व सामुदायिक साफ-सफाई रखें। किसी भी प्रकार का बुखार हो तो सरकारी अस्पताल में निःशुल्क इलाज कराएं। अस्पताल जाने के लिए 108 नंबर की निःशुल्क एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल करें। (Uttar Pradesh)

उन्होंने बताया कि अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आईसीडीएस, ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम अथवा शहरी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर काम करेंगे।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. एके द्विवेदी, एसीएमओ डॉ. राकेश कुमार, डाॅ. एवी त्रिपाठी, डाॅ. केपी सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी, एएमओ अनिल चौरसिया, परामर्शदाता कौलेश्वर चौधरी, यूनिसेफ के डीएमसी अनिल कुमार तोमर, बीपीएम सूर्य प्रताप सिंह, बीसीपीएम लवली वर्मा. संदीप शुक्ला प्रमुख रूप से मौजूद रहे।(Uttar Pradesh)

हाई रिस्क गांवों पर नजर

जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी ने बताया कि मलेरिया विभाग की देखरेख में हाई रिस्क गांवों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाएगी। यह ऐसे गांव हैं जहां कभी दिमागी बुखार से मृत्यु हुई है अथवा तीन साल के भीतर कोई केस सामने आया है। ऐसे गांवों में सभी विभाग प्राथमिकता के साथ अपनी भूमिका निभाते हैं। (Uttar Pradesh)

सदर ब्लाॅक के ग्राम गौनरिया निवासी जगदीश का कहना है कि पहले भी अभियान के दौरान उनके गांव में नालियों और झाड़ियों की साफ-सफाई होती रही है। आशा बताती हैं कि फुल आस्तीन के कपड़े पहनने हैं। अगर बुखार तेज है तो 108 एंबुलेंस को कॉल करके सीधे अस्पताल जाना है। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना है। नंगे पैर खेतों और झाड़ियों में नहीं जाना है।(Uttar Pradesh)

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