विदुर नीति में वर्णित सूत्र हमारे जीवन को सफल बनाते हैं। ये सूत्र आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने कि महाभारत काल में थे। महाभारत काल के महाराज धृतराष्ट्र के महामंत्री रहे महात्मा विदुर नीति ने अपने एक सूत्र में बताया है कि वे कौन से लोग हैं जिनका सम्मान, मित्रता, विद्या और सुख नष्ट हो जाते हैं।
लालची लोग
विदुर नीति में बताया गया है कि जो व्यक्ति लालची होता है और अपने लाभ के लिए दूसरों को धोखा दी है और नुकसान पहुंचाता है अर्थात वह अपने थोड़े से हित के लिए दूसरों का बड़ा अहित कर देता है। ऐसे लोगों का मान-सम्मान नष्ट हो जाता है। उसे कहीं भी सम्मान नहीं मिलता है। ऐसे लोगों से लोग दूरी बनाने लगते हैं।
चुगली करने वाले
मित्रता सबसे पवित्र और अनमोल रिश्ता होता है। इसे हमेशा- हमेशा बनाये रखने के लिए संयम और धैर्य की आवश्यकता होती है। कुछ लोग अपने मित्रों गोपनीय बातों को एक दूसरे से कहकर इधर-उधर फैलाते हैं और उनका मजाक बनाते हैं। ऐसा करने से कई बार व्यक्ति संकट में पड़ा जाता है। इस प्रकार चुँगली करने वालों से लोग दूरी बनाने लगते हैं और धीरे-धीरे दोस्ती खत्म कर देते हैं।
नष्ट हो जाती है विद्या
महात्मा विदुर कहते हैं कि जिस व्यक्ति में बुरी आदतें होती हैं वे भले ही कितने भी बड़े ज्ञानी और विद्वान क्यों न हों, उनकी विद्या नष्ट हो ही जाती है।
कंजूस को नहीं मिलता है सुख
विदुर नीति में बताया गया है कि कंजूस व्यक्ति के पास चाहे जितना धन क्यों न हो जाये? वह कभी सुख से नहीं रहा पाता है। उसे हमेशा इस डर बना रहता है कि उसका धन कोई छीन न लें या फिर नष्ट न हो जाये। कोई उसका धन उधार न मांग ले।
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