Vulture News: क्यों इतनी चिंतित है गिद्धों की स्थिति के बारे में सरकार ?

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लखनऊः शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश पशुधन विभाग एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा एक वेबिनार किया गया। इस वेबिनार के अंतर्गत पशुधन विभाग के 75 प्रतिभागी उपस्थित रहे, जिनमे विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ एस0 के0 अग्रवाल एवं डॉ0 ए0के0 वर्मा एवं उत्तर प्रदेश के अनेक जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं पशु चिकित्सक उपस्थित थे।

वेबिनार में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के संशोधनकर्ता सुश्री अलका दुबे, डॉ रोहन श्रृंगारपुरे एवं श्री हेमंत बाजपाई द्वारा पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन से भारत में गिद्धों की स्थिति के बारे में बताया गया। बेविनॉर के माध्यम से यह भी बताया गया कि दर्द निवारक दवा के पशुचिकित्सा में उपयोग के कारण मृत कशुओं का मांस खाने से गिद्धों की बहुतायत संख्या में मृत्यु हुई है और उनकी विलुप्ति से मानव जाति पर अनगिनत दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।

 

गिद्धों को विलुप्ति से बचाने के लिए और उनके संरक्षण हेतु उठाये गए कदम के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। यह भी स्पष्ट किया गया गया कि पशुओं को इलाज के दौरान दी जाने वाली सभी प्रकार की दर्द निवारक दवाइयां भी गिद्धों के लिए हानिकारक हैं।

उपस्थित अधिकारीयों को यह अवगत कराया गया कि गावों में अप्रशिक्षित एवं झोलाछाप लोगों द्वारा पशु का उपचार किया जाता है और वे प्रतिबंधित दवाइयों का बेझिझक उपयोग करते हैं। उपस्थित पशुचिकित्सा अधिकारीयों ने प्रदेश में गिद्धों के संरक्षण का बीड़ा उठाते हुए यह बताया कि वे यह जानकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों तक पहुंचाएंगे एवं गिद्ध के संरक्षण में पूर्णतः सहयोग करेंगे।

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