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Waqf Board: AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने बुधवार को ये इल्जाम लगाते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि दिल्ली में संसद भवन और आसपास के इलाके, जिनमें वसंत विहार और यहां तक ​​कि हवाई अड्डा भी शामिल है, वक्फ की संपत्ति पर बनाए गए हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए अजमल ने कहा कि बिना अनुमति के वक्फ की जमीन का इस्तेमाल करना एक गंभीर मुद्दा है, उन्होंने चेतावनी दी कि चल रहे वक्फ बोर्ड विवाद के कारण सरकार को अपना मंत्रालय खोना पड़ सकता है।

AIUDF प्रमुख की टिप्पणी केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा बुधवार को सभी सांसदों से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का समर्थन करने की अपील के बाद आई है। रिजिजू ने जोर देकर कहा कि भारत में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए लाभ उठाया जाना चाहिए।

रिजिजू ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, "हम सभी सांसदों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील करते हैं। संसद और नगरपालिका भवन, हवाई अड्डे, शहरों और गांवों को संरक्षण की आवश्यकता है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ संपत्तियां हैं। हमें उनका उपयोग महिलाओं, बच्चों और मुस्लिम समुदाय के पिछड़े समूहों के कल्याण के लिए करना चाहिए।"

बदरुद्दीन अजमल के दावों की निंदा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "बदरुद्दीन अजमल तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं, क्योंकि इस लोकसभा चुनाव में उनके पूरे वोट बैंक ने कांग्रेस को वोट दिया और वे चुनाव हार गए। मगर मैं इन नेताओं से कहना चाहता हूं कि अपनी तुष्टिकरण की राजनीति में देश के संविधान का अपमान न करें। संविधान धर्मनिरपेक्षता की बात करता है और धर्मनिरपेक्षता कहती है कि हम देश की संप्रभुता को किसी निजी संस्था को पट्टे पर नहीं दे सकते। अगर उनका बस चले तो वे हर जमीन को वक्फ की जमीन कहें। इसीलिए सरकार वक्फ संशोधन अधिनियम लाने की कोशिश कर रही है, ताकि गरीब मुसलमानों को फायदा हो..."

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