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नई दिल्ली॥ विश्व के 2 शक्तिशाली देशों के मध्य किसी भी समय युद्धा का ऐलान हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो इसमें शक की जरा सी गुंजाइश नहीं कि हिन्द महासागर का नीला पानी लाल नजर आने लगेगा। ईरान (Iran) के मिशन जुल्फिकार-99 ने समंदर में तृतीय विश्वयुद्ध की रेखा खींच दी है।

Army War

यूएसए तथा इजरायल के साथ हर रोड़़ तल्ख होते अपने संबंधों के मध्य ईरान (Iran) ने अपनी सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर डाला है। 3 दिनों तक चलने वाले इस बड़े युद्धाभ्यास में ईरान (Iran) की तीनों फौजें भाग ले रही हैं। रुहानी की आर्मी की ये युद्धाभ्यास इतना बड़ा है कि इसे तृतीय विश्वयुद्ध का ट्रेलर कहा जा सकता है।

ईरान (Iran) की समुद्री बॉर्डर से लगे होर्मूज स्ट्रेट में ईरान (Iran) की नेवी ने डेरा डाल रखा है। जबकि ओमान की खाड़ी के ऊपर रुहानी के वायुसेना का जमावड़ा है। मकरान के तट पर ईरान (Iran) के जंगी लश्कर आग उगल रही है यानि पूरे के पूरे उत्तरी हिंद महासागर में ईरान (Iran) भीषण युद्ध की तैयारी कर रहा है। ये वॉर युद्धाभ्यास कितनी बड़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि इसका दायरा लगभग बीस लाख वर्ग किलोमीटर तक फैला है।

रुहानी ने अपने जंगी लश्करों के इस युद्धाभ्यास का नाम जुल्फिकार-99 दिया है। मिशन जुल्फिकार का सबसे बड़ा उद्देश्य खाड़ी देशों में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका और इजरायल की ताकत के सामने अपने उस पूरे दमखम की नुमाइश करना है, जिसे देखकर शत्रुओं का सीना डर से फट जाए।