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weird news: भारतीय पीएम मोदी का कुवैत दौरा भारतीय- कुवैती संबंधों के लिए एक अहम कदम है। कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी काम कर रहे हैं, जो न केवल वहां की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, बल्कि भारत के लिए भी अहम विदेशी मुद्रा भेज रहे हैं।

प्रवासी भारतीयों की संख्या: कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की कुल आबादी का 21% हैं। भारतीयों की बड़ी संख्या वहां की कार्यबल का 30% हिस्सा है। यह प्रवासी भारतीयों के लिए एक अहम रोजगार बाजार है।

सांस्कृतिक और कारोबारी रिश्ते: भारत और कुवैत के बीच पुरानी कारोबारी और सांस्कृतिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार का इतिहास रहा है, जो कुवैत में तेल मिलने से पहले से चला आ रहा है।

आवश्यक सेवाओं में योगदान: कुवैत में भारतीय डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवर भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय न केवल श्रम शक्ति के रूप में बल्कि पेशेवर सेवाओं के रूप में भी कुवैत में अहम हैं।

आर्थिक लाभ: कुवैत में काम करने वाले भारतीयों की औसत सैलरी काफी शानदार है, जिससे वे अपने परिवारों को अच्छी आर्थिक मदद कर पा रहे हैं। ये भारतीय श्रमिकों के लिए एक बेहतर जीवन स्तर का संकेत है। कुवैत में एक भारतीय श्रमिक के लिए न्यूनतम वेतन लगभग 320 कुवैती दिनार प्रति माह है। यहां रहने वाले भारतीय प्रवासी लाख रुपए महीना आराम से कमा लेते हैं। 
 

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