स्वर कोकिला के नाम से मश्हूर सिंगर लता मंगेशकर के वैसे तो देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लाखों फैंस हैं। बीते छह फरवरी 2022 को उनका निधन हो गया है। लता मंगेशकर ने हिंदी फिल्मों समेत करीब 36 रीजनल भाषाओं में गाने गए हैं। 28 सितंबर 1929 को जन्मी लता मंगेशकर को अब तक दादा साहेब फाल्के और भारत रत्न समेत तमाम पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक बार इनको भी खाने में धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की गयी थी, लेकिन समय रहते उनको सही इलाज मिल गया था जिससे उनकी जान बच पायी थी।
घटना का खुलासा तब हुआ जब साल 1962 में आई फिल्म ‘बीस साल बाद’ का गाना रिकॉर्ड होना था। इस फिल्म के गाने को लता मंगेशकर को गाना था। फिल्म के डायरेक्टर हेमंत कुमार ने रिकार्डिंग कि पूरी तैयार कर ली थी, तभी रिकॉर्डिंग शुरू होने के कुछ घंटे पहले ही अचानक से लता मंगेशकर की तबीयत बिगड़ गई। उनके पेट में अचानक से तेज दर्द शुरू हो गया और उलटी होने लगी। हालात इतनी बिगड़ने लगी कि तुरंत डॉक्टर को बुलाना पड़ा। डॉक्टर ने आते ही पहले उनका एक्सरे किया और दर्द का इंजेक्शन दिया।
लता जी तीन दिन तक जिन्दगी और मौत से लड़ती रहीं। करीब दस दिन बाद धीरे-धीरे उनकी हालात में सुधार होना शुरू हुआ, तब जाकर डॉक्टर ने बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा था। बीमारी की वजह से वह इतना कमजोर हो गयी थी कि वह तीन महीने तक बिस्तर से उठ तक नहीं पाई थी। इस बीच उनका कुक अचानक से गायब हो गया, फिर उनकी बहन उषा मंगेशकर ने उनके लिए खाना बनाने का जिम्मा लिया लेकिन इस हादसे के बाद जब खाना बना जाता था तो मशहूर गायक मजरूह सुलतान पुरी रोज उनके घर आकर उनका खाना पहले चखते थे फिर उस खाने को लता मंगेशकर खाती थी। इस दौरान वह वह घंटों लता दीदी से बात करते और कहानी- कविता सुनाते थे।