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राजस्थान के अलवर में हुई एक शादी इन दिनों खबरों में है और खबरों में रहने की वजह भी ऐसी है कि उसे सुनकर आपकी आंखे भर आएंगी। कारण ये है कि दुल्हन के पिता राकेश मीणा सीआरपीएफ के जवान थे जो 2010 में शहीद हो गए। गांव में उनकी एक प्रतिमा भी बनाई गई थी। परिवार में चार बेटियां थी।

पहली बेटी सारिका की शादी 23 अप्रैल को हुई, लेकिन उनके पिता नहीं थे। सारिका उस वक्त अपने पिता को याद ही कर रही थी कि फेरे से कुछ घंटों पहले बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के फौजी वहां आ पहुंचे। उन्होंने सारिका के पिता की ही तरह अपना पूरा फर्ज निभाया। सीआरपीएफ कोष के जरिए ₹1,50,000 सारिका को दिए गए। उसके अलावा फौजी साथियों में से किसी ने फ्रिज तो किसी ने टीवी, किसी ने वॉशिंग मशीन और मिक्सर समेत कपड़े और गहने। दूल्हा और दुल्हन को उपहार में दिए। भाई की तरह दुल्हन को चुनरी ओढ़ाई और इसके साथ ही कन्यादान भी सेना के ही अफसरों ने किया।

सीआरपीएफ के जवानों ने कहा कि आपके बेटे, भाई और बिटिया के पिता को हम वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन आपके परिवार के हर सुख दुख में आपके कंधे से कंधा मिलाकर हम जरूर खड़े हो सकते हैं। अमर शहीद राकेश की परछाई बनकर उनका डिपार्टमेंट परिवार हमेशा आपके परिवार के साथ खड़ा रहेगा। 

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