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भूकंप जापान की डेली लाइफ का हिस्सा है और वहां हर साल औसतन 2000 से ज्यादा भूकंप आते हैं। जापान के लोगों ने इसके साथ जीना सीख लिया है। भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई। बाद में इस चेतावनी का स्तर कम किया गया। हालांकि खतरा टला नहीं। हजारों घरों में बिजली की आपूर्ति ठप है। लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि जापान में क्यों आते हैं इतने भूकंप।

जानकारी के अनुसार, जापान पूर्वी एशिया में बसा एक द्वीपीय देश है। उत्तर में सागर, दक्षिण में ईस्ट चाइना सागर, पूर्व में प्रशांत महासागर, पश्चिम में जापान सागर। जापान 7000 से ज्यादा द्वीपों की श्रृंखला है। मगर चार ऐसे द्वीप हैं जहां लोग रहते हैं। इसके मानचित्र पर पश्चिम की तरफ आपको पेनिनसुला यानी एक हिस्सा जमीन से जुड़ा बाकी हिस्सा पानी से मिलता है। वैसे तो जापान में अचानक आने वाले भूकंप के झटके लोगों की आम जिंदगी का हिस्सा हो गए हैं।

इसलिए जापान में आते हैं सबसे ज्यादा भूकंप

धरती के कंपन की वजह जापान टेक्टोनिक प्लेट के संगम पर बसा है। कभी इन प्लेट्स में हलचल होती है तब तब भूकंप आता है। हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से मिलकर बनी है। पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत भूपर्पटी पर एक लेयर है। मध्यवर्ती मैंटल अत्यधिक गाढ़ी लेयर है और बड़े तरल तथा आंतरिक क्रोड ठोस अवस्था में सबसे ऊपर की तरफ रहती है जिस पर हम रहते हैं। ये पचास किलोमीटर मोटी परत में बंटवारा हो रखा है।

इन टुकड़ों को टेक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये ठोस चट्टान का एक बहुत ही विशाल स्लैब जैसा है जिसमें महाद्वीप और महासागर दोनों आते हैं। यह मध्यवर्ती मैंटल के लावा में तैरती रहती है, तैरते रहते हैं। जब ये दोनों एक दूसरे से टकराते हैं तो धरती में कंपन पैदा होती है और भूकंप की सूरत नजर आती है। भूकंप को लेकर मजबूत है मॉनिटरिंग सिस्टम जापान चूंकि भूकंप का केंद्र है, इसलिए जापान में भूकंप की मॉनिटरिंग करने का सिस्टम काफी मजबूत और अपडेट है। जापान की मेट्रोलॉजिकल एजेंसी जापान को इस तरह लगातार हर पल मॉनिटर करती रहती है।