मोदी सरकार ने घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतें तय करने के लिए एक नए फॉर्मूले को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पाइपलाइन से आपूर्ति की जाने वाली CNG और LPG की कीमत पर भी एक सीमा तय की गई है। इसलिए CNG और PNG की कीमतों में 10 % तक की कमी आने की संभावना है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग ने नेचुरल गैस पर किरीट पारिख समिति की सिफारिशों को अनुमति दे दी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पारंपरिक क्षेत्रों (एपीएम) से प्राकृतिक गैस का उत्पादन अब अमेरिका-रूस की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ा होगा। पहले कीमत गैस की प्राइस के आधार पर तय होती थी। अब एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल की कीमत का 10 % होगी। यह लागत $6.5 प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी। बेस प्राइस 4 एमएमबीटीयू प्रति डॉलर तय किया गया है। मौजूदा वक्त में गैस की प्राइस $ 8.57 (701.39 INR) है।
कीमतें हर महीने तय की जाएंगी
नया फॉर्मूला 2 वर्ष के लिए सीलिंग को बरकरार रखेगा। इसके बाद प्रतिवर्ष 0.25 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की बढ़ोतरी होगी। CNG-PNG के रेट अब हर महीने तय होंगे। वर्तमान में दरें हर 6 महीने में तय होती हैं।
एक साल में कीमत में 80 % की बढ़ोतरी
इंटरनेशल मार्केट में ऊर्जा की कीमतों में तेजी के कारण देश में CNG और PNG की कीमतें एक साल में 80 % तक बढ़ गई हैं। नए फॉर्मूले के चलते गैस की प्राइस अब दिल्ली में 6 रुपए और मेरठ में 8 रुपये कम हो जाएंगी। इस फैसले से दिल्ली में CNG और PNG की कीमतों में 6 रुपये की कमी आ सकती है। अभी दिल्ली में CNG 79.56 रुपए प्रति kg और PNG 53.59 रुपये प्रति हजार क्यूबिक मीटर है। वहीं, मेरठ में CNG 8 रुपए और PNG 6.50 रुपए सस्ती हो सकती है।
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