उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं का चिन्हांकन सही से हो : डीएम

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महराजगंज। सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सभागार में मंगलवार को आयोजित आशा कार्यकत्रियों की बैठक में जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार ने कहा कि आशा कार्यकर्ता उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली (एचआरपी) महिलाओं का सही से चिन्हांकन करें। गर्भावस्था के दौरान कम से कम एक बार एमबीबीएस मेडिकल आफिसर से जांच जरूर कराएं।

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डीएम ने कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतत प्रयत्नशील है। इसके लिए आशा कार्यकत्रियों का विशेष तौर पर क्षमतावर्धन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम गर्भवती का हर माह मेडिकल आफिसर द्वारा जांच करायी जाए। मेडिकल आफिसर से हर बच्चे का भी स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।

डीएम ने यह भी कहा कि ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर इलेक्ट्रानिक हीमोग्लोबिन मशीन से जांच की जाए। इस रिपोर्ट को आशा कार्यकर्ता अपनी डायरी में भी अंकित करें। इस अवसर पर सीएचसी अधीक्षक डाॅ.केपी सिंह ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जब माँ और बच्चे स्वस्थ रहेंगे तभी मातृ मृत्यु दर में कमी आ सकती है।

प्रशिक्षण के दौरान ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर लवली वर्मा ने बताया कि मातृ शिशु मृत्यु का विवरण भी आशा कार्यकर्ता के पास उपलब्ध होना चाहिए। मातृ शिशु मृत्यु का कारण भी रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग और जन सामान्य के बीच आशा कार्यकर्ता एक अहम कड़ी हैं। ऐसे में आशा कार्यकर्ताओं का समय समय पर क्षमतावर्धन भी किया जाता है।

सभी आशा कार्यकर्ता प्रशिक्षण में मिली जानकारी के बारे में ठीक से जानकारी रखें ताकि क्षेत्र में काम करने में आसानी होगी।
क्लस्टर बैठक में पूनम देवी, नीता देवी, सविता देवी, सीमा देवी, मीरा देवी, किरन देवी, पूनम देवी, गुंजा देवी आदि मौजूद रहीं।

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