world news: विद्रोहियों ने उन 4000 कैदियों को रिहा कर दिया है। इन से कईयों को पहले मौत की सजा सुनाई गई थी। रिहाई के फैसले के बाद समाज में आक्रोश और चिंता की लहर फैल गई है। लोगों का कहना है कि इस निर्णय से सुरक्षा का माहौल बिगड़ सकता है और अपराधियों के हौसले और बढ़ सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बड़े पैमाने पर कैदियों की रिहाई से कत्लेआम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि कई ऐसे लोग हैं जो गंभीर अपराधों के लिए सजा काट रहे थे। हम बात कर रहे हैं सीरिया की।
बता दें कि बशर अल-असद को हटाए जाने से सीरिया में ध्रुवीकरण का माहौल बन गया है। असद के समर्थकों ने 678 हमास लड़ाकों को जेल से रिहा करवाने में मदद की है, जो सत्ता की गतिशीलता में बदलाव का संकेत है, जबकि विद्रोही गुट भी जेल में बंद लड़ाकों को रिहा कर रहे हैं।
तो वहीं दूसरी ओर इज़रायल ने सीरिया में महत्वपूर्ण हथियार भंडारों और लंबी दूरी की मिसाइलों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया है, ताकि उन्हें चरमपंथी समूहों द्वारा हासिल होने से रोका जा सके। रूस ने बशर अल-असद को राजनीतिक शरण दी है।
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