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Up Kiran, Digital Desk: धार्मिक प्रवचन के लिए पहचाने जाने वाले प्रेमानंद महाराज एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने युवाओं की जीवनशैली और आधुनिक रिश्तों की संस्कृति को लेकर तीखी टिप्पणी की है, जिसने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दे दिया है। खासकर लड़कियों की जीवनशैली और विवाह के प्रति उनकी सोच पर दिए गए बयान को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं।

युवाओं की सोच को बताया विवाह विफलता की वजह

एक वायरल वीडियो में प्रेमानंद महाराज आज के दौर में शादियों के टूटने की वजह बताते हुए कहते हैं कि आधुनिक युवा, खासकर युवा महिलाएं, अब पहले जैसी प्रतिबद्धता नहीं रखतीं। उनका कहना है कि बहुत ही कम महिलाएं ऐसी होंगी जो पूरी तरह से अपने जीवनसाथी के प्रति निष्ठावान रहती हों। वे मानते हैं कि आज के रिश्तों में स्थायित्व की कमी का मुख्य कारण चरित्र में गिरावट और भोगवादी सोच है।

ब्रेकअप-कल्चर और आधुनिक जीवनशैली पर नाराजगी

महाराज ने युवा पीढ़ी में बढ़ती ब्रेकअप और पैचअप की प्रवृत्ति को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब किसी को बार-बार नए लोगों से रिश्ते बनाने की आदत पड़ जाती है, तो फिर एक स्थायी रिश्ते में रहना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने इस स्थिति की तुलना खानपान की आदतों से करते हुए कहा कि जिस तरह लगातार बाहर का खाना खाने से घर का खाना फीका लगने लगता है, उसी तरह रिश्तों में भी विविधता की लत स्थायित्व को नुकसान पहुंचा रही है।

पुरुषों के व्यवहार पर भी जताई चिंता

सिर्फ महिलाओं को नहीं, प्रेमानंद महाराज ने पुरुषों को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जो पुरुष खुद कई महिलाओं के साथ संबंध बना चुके होते हैं, वे भी विवाह के बाद संतुष्ट नहीं रह पाते। ऐसे में दोनों पक्षों की सोच और आचरण में बदलाव की आवश्यकता है।

पश्चिमी संस्कृति पर आरोप, भारतीय मूल्यों की पैरवी

अपने बयान में महाराज ने यह भी कहा कि भारत की पारंपरिक संस्कृति अब विदेशी प्रभाव के कारण कमजोर हो रही है। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को 'पश्चिमी गंदगी' करार देते हुए कहा कि पहले की पीढ़ी में महिलाओं ने अपनी पवित्रता के लिए बलिदान तक दे दिए थे, लेकिन अब सामाजिक मूल्यों का पतन होता जा रहा है।

उनका कहना है कि वर्मतान में युवतियों को देखो, एक से ब्रेकअप, दूसरे से पैचअप, फिर दूसरे से ब्रेकअप, तीसरे से पैचअप, कैसे शुद्ध होगा। चार होटल का खाना खाने की जुबान को आदत हो गई है तो घर का खाना कैसे अच्छा लगेगा, ऐसे ही जब चार मर्द से मिलने की आदत पड़ गई तो एक पति को कबूल करने की हिम्मत नहीं रहेगी

विवाह से पहले की गलतियों पर जताई क्षमा की भावना

हालांकि, महाराज ने यह भी जोड़ा कि यदि किसी से बचपन या जवानी में कोई गलती हो भी गई हो, तो विवाह के बाद उस व्यक्ति को सुधर जाना चाहिए और अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदारी बरतनी चाहिए। उन्होंने इसे एक प्रकार का आत्मशुद्धि का मार्ग बताया।

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