दुनिया भर में कई ऐसे विशाल बेहतरीन और मजबूत पुल मौजूद है जिन्हें इंजिनियरिंग के नायाब नमूने के तौर पर देखा जाता है, आपने बहुत से पुल देखे होंगे मगर क्या कभी आपने अजंता पेड़ों की जड़ों से बना पुल देखा है? शायद नहीं तो आपको बता दें कि भारत में पुल ऐसा भी है जो पेड़ों की जड़ों से बना है, जो बहुत ज्यादा मजबूत है।
इस पुल को लीविंग रोड ब्रिज भी कहा जाता है। यह पुल भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में है। इस पुल के सामने दुनिया के कई ब्रिज आपको फीके लगेंगे। बताया जाता है कि ये पुल करीब 200 साल पुराना है। ये पेड़ों के जड़ों से बना है और आज भी मजबूती के साथ टिका है। इसे पेड़ों की जड़ों को आपस में धागे की तरह बन कर बनाया गया है।
अगर अब ये पुल कोई बड़े बड़े इंजीनियर और वैज्ञानिकों ने बनाया है तो गलत है। पुल को मेघालय के सदियों पुराने जनजाति और जयंतिया जनजाति के लोगों ने बनाया है। ये जनजाति वन पेड़ों की जड़ों से पुल बनाने में माहिर माने जाते हैं। बताया जाता है कि इस जनजाति के लोगों ने लीविंग रोडवेज को करीब 100 साल पहले बनाया था। ये पुल मेघालय के घने जंगलों से गुज़रने वाली नदी के ऊपर बनाया गया है।
लीविंग ब्रिज के खासियत की बात करें तो ये पुल इतना लंबा चौड़ा और मजबूत होता है। इस पर एक साथ 50 लोग तक चल सकते हैं। ये पुल लोहे के पुलों से भी ज्यादा मजबूत माने जाते हैं। ये पुल अपनी मरम्मत खुद ही कर लेते हैं। मेघालय में इस तरह के कई पुल हैं। इनमें चेरापूंजी का पेड़ों की जड़ों से बना डबल डेकर पुल सबसे स्पेशल है। इनमें ऊपर एक दो पुल बनाए गए हैं। इन पुलों को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया है, जिसके बाद पूरे विश्व से लोग इन्हें देखने के लिए जंगलों में पहुंचने लगे हैं तो स्थानीय लोगों को भी कमाई का जरिया मिल चुका है।
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