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लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है। यहां हर फाइल की क्लीयरेंस के लिए पहले भी लाखों रुपए की डिमांड की जाती थी और अब भी फाइलें इसलिए लटकाई जा रही हैं, जिससे माल की वसूली की जा सके। यह मामला अब विज्ञापन तक जा पहुंचा है। विज्ञापन के पेमेंट की फाइल को लटकाकर नए एमडी रणवीर प्रसाद यह संकेत दे दिया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ कितना भी भ्रष्टाचार को रोकने का ढिढोरा पीट लें, लेकिन तस्वीर बदलने वाली नहीं है।
जानकारी के मुताबिक,UPSIDC के MD रणवीर प्रसाद करोड़ों रुपए के विज्ञापनों की फाइल इसलिए लटका रहे हैं, जिससे इसको लेकर लेन-देन की जा सके। उनसे जब बात करने की कोशिश की गई तो उनका जवाब था कि इसके लिए ऑफिस में बात करिए। यह कहने के बाद उन्होंने फोन काट दिया। ऑफिस में बात करने पर पता चलता है कि एमडी साहब के आदेश के बगैर यहां पत्ता नहीं डोलता है, ऐसे में ऑफिस का कोई अधिकारी कैसे जवाब देगा।
जिन विज्ञापन कंपनियों का पैसा फंसा है, वह डरी हुई हैं। कुछ भी बोलने से डर रही हैं। विज्ञापन छापने वाले अखबार भी फंसे हैं। उनके प्रतिनिधि अब यूपीएसआईडीसी और एजेंसी के चक्कर काट रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर इन सभी लोगों का कहना है कि एमडी साहब की माया है। मंत्री महाना ने हाल ही में कहा था कि अब अगली मीटिंग में वीआर चेंज नहीं चेंजड दिखना चाहिए, लेकिन एमडी रणवीर प्रसाद हैं कि चेंज को चेंजड करना ही नहीं चाहते। पूरे मामले को लेकर अब बात महाना तक भी पहुंचने लगी है।
जैसे जैसे एमडी रणवीर प्रसाद के भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है, वैसे वैसे उनके साथ लगे तमाम भ्रष्ट अफसरों की नींद उड़ गई है और वह अपने मीडिया मित्रों के जरिए एमडी रणवीर प्रसाद को ईमानदार बताने वाली खबरें छपवा रहे हैं।