अगर आप सुबह जल्दी उठते हैं तो आपमें डिप्रेशन की संभावना काफी कम हो जाती है. कोलोराडो-बोल्डर विश्वविद्यालय के निदेशक और प्रमुख लेखक सेलिन वेटर ने कहा है, “सुबह जल्दी उठना फायदेमंद होता है और आप जल्दी उठकर इसका असर देख सकते हैं.” रिसर्च से पता चलता है कि इसके विपरीत जो देर रात सोते हैं, उनमें डिप्रेशन की संभावना दोगुनी होती है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा इसलिए है कि देर से सोने वालों की शादी की कम संभावना होती है और उनके अकेले जीवन जीने की संभावना होती है. इससे स्मोकिंग करने और अनियमित नींद का पैटर्न विकसित होता है. नींद की कमी, व्यायाम, बाहर कम समय बिताना, रात के समय चमकीली रोशनी और दिन के उजाले में कम समय बिताना, ये सभी डिप्रेशन में योगदान दे सकते हैं.
इस शोध का प्रकाशन ‘साइकेट्रिक रिसर्च’ नामक पत्रिका में किया गया है. इस शोध के लिए दल ने क्रोनोटाइप (रात में जागने वालों) के बीच संबंध का पता लगाने के लिए 32,000 महिला नर्सो के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इसमें 24 घंटे के दौरान विशेष समय में व्यक्ति की नींद की प्रवृत्ति, सोने-जागने की पसंद और मनोविकार शामिल रहे.
वेटर ने कहा, “हमारे परिणाम क्रोनोटाइप और अवसाद के जोखिम के बीच मामूली संबंध दिखाते हैं. यह क्रोनोटाइप और मनोदशा से जुड़े अनुवांशिक मार्ग के ओवरलैप से संबंधित हो सकता है.”