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लखनऊ ।। छात्रा महिमा की खुदकुशी को लेकर माहौल गर्म है, लेकिन पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है, क्योंकि मामला केंद्रीय मंत्री के गुर्गों से जुड़ा हुआ है।
कार्रवाई न होने की वजह से बुधवार कैंडल मार्च निकालकर विश्वकर्मा समाज ने हजरतगंज गांधी प्रतिमा पर शोकसभा के बाद श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम में अन्य समाज के संगठनों ने भी भाग लिया।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले में केंद्रीय कृषि मंत्री संजीव बालियान के गुर्गों की प्रताड़ना और धमकी से डरी 19 साल की छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। मामला 16 फरवरी का है।
जानकारी के मुताबिक, महिमा के पिता देवप्रकाश धीमान केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बलियान की साझेदारी वाले फर्म में काम करते हैं। देवप्रकाश से लखनऊ में कुछ रुपयों की लूट हो गई थी। फर्म के कर्मचारियों ने रुपयों की रिकवरी को लेकर पहले महिमा के पिता को बंधक बनाया फिर उसके भाई अक्षय को बंधक बना लिया। फर्म के दबंग कर्मचारियों और कंपनी मालिक के गुर्गों ने उसके घर तक जाकर रुपयों के लिये दबाव बनाया।
पीड़ित परिवार के मुताबिक, दबंगों ने रुपया नहीं देने पर महिमा को इतनी बड़ी चेतावनी दी, जिसको सोचकर ही वह इतनी सहम गई कि उसने अगले ही दिन खुदकुशी कर ली।
महिमा को श्रद्धांजलि देने के लिये गांधी प्रतिमा पर उपस्थित लोगों ने इस मार्मिक घटना की कड़े शब्दों में निंदा किया और दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई के साथ ही सीबीआई जांच की मांग की।
शोकसभा में वक्ताओं ने कहा कि देश-प्रदेश में अराजकता का यह आलम है कि हमारी बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। कहीं उनकी हत्या कर दी जाती है, तो कहीं आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे गंभीर और चिंतनीय मुद्दों पर देश के नेताओं की जुबान बंद हो जाती है। महिमा की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
श्रद्धांजलि सभा में अखिलेश मोहन विश्वकर्मा, राजेंद्र कुमार शर्मा, कमलेश विश्वकर्मा, हरिश्चन्द्र विश्वकर्मा, अरविन्द विश्वकर्मा, रवीन्द्र कुमार पाल, रामहर्ष यादव, अरूण यादव, अष्टभुजा यादव, अनिल वर्मा, अवधेश वर्मा, डा. अमरनाथ पांडे, सुरेश चन्द्र विश्वकर्मा, केतन विश्वकर्मा, आरपी विश्वकर्मा, हरिवंश वर्मा सहित कई दर्जन लोग उपस्थित रहे। शोकसभा का आयोजन वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता गजेन्द्र शर्मा की ओर से किया गया था।