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नई दिल्ली ।। मध्यप्रदेश हनीट्रेप मामला को लेकर राजनीति से लेकर प्रशासनिक हलको तक मे हड़कंप मचा हुआ है। इस सनसनी ओर हाईप्रोफाईल मामले मे कौन-कौन ट्रेप हुआ और किस-किस सफेदपोश की सीडी बनी इसका खूलासा होने मे समय लगेगा। सुत्रो के अनुसार इस मामले में दर्जन भर से ज्यादा रसूखदारों के नाम उजागर होने की आशंका जताई जा रही है।

वही सुत्रो के अनुसार राष्ट्रीय दलो के बड़े-बड़े लोगों से लेकर आईएएस-आईपीएस तक के अफसर भी इस हनी ट्रैप के शिकार बने। इन सभी नेताओं और अफसरों को आरोपी महिलाओं से इतना लगाव था, कि वो उनके कहने पर बड़े-बड़े काम काफी कम समय मे कर देते थे।

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वही आरोपी महिलाओं के बारे मे मिली जानकारी के अनुसार शातिर महिला श्वेता जैन (सागर) सागर की रहने वाली है, जो मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुई थी। उसके पिता कपड़े की दुकान चलाते थे। परिवार मे दो भाई, तीन बहनों में घेता मंझली है। लेकिन जवानी की चौखट पर कदम रखते ही वो लड़खड़ा गई। जानकारी के अनुसार सागर के प्रमुख शराब माफिया के बेटे के साथ श्वेता के साथ नजदीकिया हो गई। संबध ओर नजदीक के होने पर शराब माफिया ने श्वेता (श्वेता जैन) को सिविल लाइन इलाके में घर दिला दिया था।

उसी के साथ वो करीब ढाई साल तक रही। इसी बीच शराब माफिया के जरिए श्वेता की पहचान राष्ट्रीय दल के बड़े नेता और मध्यप्रदेश सरकार के तत्कालीन मंत्री से हो गई है। शराब माफिया ने अपना काम करने के लिए श्वेता को मंत्री जी के पास भेज दिया था, लेकिन यही काम बिगड भी गया ओर मंत्री जी ने उसका काम तो कर दिया लेकिन ‘श्वेता उन्हे पंसद आ गई। समय बीतने पर श्वेता मंत्री जी की खास हो गई, ओर उसने शराब माफिया से दूरी बना ली।

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मंत्री जी की नजदीकीयो के चलते उसे उसके एनजीओ को कई बड़े-बड़े काम दिए गए। यहां से श्वेला ने बड़ी रकम कमाई। ओर इस दौरान उसकी कई अफसरों से भी पहचान हो गई। नेता के कारण अचानक धनवान हुई श्वेता का लालच बढ गया। वही उसने यह भी समझ लिया की मंत्री के कहने पर आईएएस अधिकारी बड़ी से बड़ी रकम तुरंत ही रिलीज कर देते हैं। इससे उसके एक बात समझ मे आ गई की असली पॉवर अफसरों के पास है।

सुत्र बताते है की इसी सोच के चलते उसका अगला शिकार आईएएस अफसर बन गया। उसने अफसरों को अपने हुस्न के जाल में फंसाना शुरू कर दिया। सुत्रो का दावा है की उसने कई लोगों की सीडी बनाई और ब्लैकमेल करते हुए उसकी बडी रकम वसूली। श्वेता जैन के जाल में फंसते अफसरों की
खबर मंत्री भी थी, ओर वो शातिर श्वेता को समझ गए थे।

इसलिये उन्होने उनसे दूरी बना ली। वही अब तक श्वेता मंत्री जी की ही पार्टी की महिला विंग की पदाधिकारी बन चुकी थी। ओर उसके टारगेट पर अब दूसरे नेता थे। राजनीति मे आगे बढने पर श्वेता से मिलते ही राष्ट्रीय पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष उसके करीब आने के लिये बेचैल हो गए। श्वेता ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया और उनके सहारे कई काम कराए। उस दौरान अध्यक्ष जी बंद कमरे में कई घंटे श्वेता के साथ बिताते थे। जो दूसरे दिन अखबारों में गॉसिप के तौर पर छपा करते थे।

शातिर श्वेता जिसके साथ भी रंग-रैलियां मनाती थी, उसकी सीडी बना लेती थी। ताकि जब सीधे तरीके से काम न हो तो दुसरा रास्ता अपनाया जा सके। अध्यक्ष जी के साथ समय बिताने के दोरान ही राष्ट्रीय पार्टी के एक सीधे-साधे नेता का दिल भी श्वेता पर आ गया। साफ-सुथरी छवि रखने वाले पूर्व सांसद भी श्वेता के मायाजाल में फस गए। सुत्र बताते है की श्वेता ने पूर्व सांसद को भी नहीं छोड़ा।

उसने उसके साथ भी सीडी बना ली और ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। यह चर्चा भी काफी सुर्खियो मे है की परेशान होकर सांसद जी ने तो सुसाईड करने तक की कोशिश की। लेकिन बाद में मामले में प्लॉट और घर दिलाने पर सेटल हो गया। अपनी उंगलियो पर नाचने वाले राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं के साथ रहते हुए श्वेता को राजनीति का भूत चढ़ गया है।

उसने भी सोचा कि यो भी राजनीती मे आकर माननीय बन सकती है। इसके लिये उसने सागर से विधायकी के टिकट पर अपनी दावेदानी पेश की। लेकिन मामला यहॉ बिगड गया क्योकि जिस सीट से श्वेता टिकट मांग रही थीं, वहां से एक दूसरे मंत्री जी विधायक थे। मंत्री जी को ये बात अखर गई। वही श्वेता पर लटटू हुए राष्ट्रीय नेताओं के कारण मंत्री को अपनी सीट खतरे में पड़ती नजर आई।

बस इसी बात को लेकर उन्होंने भी पूरे मामले को अपने पाले मे लाने के लिये श्वेता का तरीका अपनाया। जानकारी के अनुसार श्वेता और उसके ड्राइवर का अश्लील वीडियों बनवा दिया। ये वीडियो कार में बनाया गया था, और उस समय करीब एक हजार पेन ड्राइव के माध्यम से मीडिया को बांटा गया था। वीडियो सामने आने के बाद श्वेता का टिकट कट गया।

हनीट्रैप कांड की दूसरी आरोपी का भी नाम श्वेता जैन है। फॉर्म रेज की रहने वाली श्वेला जैन की दोस्ती वर्तमान केंद्रीय मंत्री के बेटे से हो गई थी। मंत्री जी का साथी बेटा श्वेता के जाल में फंस गया। रंग-रैलियों मनाते हए श्वेता ने ही वीडियो बना लिया। जिसके बाद वे उसे ब्लैकमेल करने लगे। मामला मंत्री जी के पास पहुंच गया तो उन्होंने बड़ी रकम देकर सेटल किया। जिसके बाद श्वेता को भी पार्टी की महिला विंग में पदाधिकारी बना दिया गया। ओर आगे उसे नेता बनाने का वादा भी किया गया।

महिला विंग में आई राजस्थान की श्वेता की दोस्ती अब सागर वाली श्वेता से हो गई। दोनों का काम हनी ट्रेप करने का था, लिहाजा अब दोनो मिलकार इस गोरखधंधे को बढ़ाने लगी। पूर्व सांसद को ब्लैकमेल करने में राजस्थान वाली श्वेता का भी हाथ था, इसके बदले में उसे मिसरोद में करोड़ों की कीमत का प्लॉट मिला था।

इसके बाद बड़ी रकम कमाने के लिये दोनों us अब गिरोह बना लिया था, इस गिरोह मे पांच युवतिया थी, जिनके काम के नेताओ और अफसरो का हनीट्रेप करना था। भोपाल के कमला नगर क्षेत्र के आराधना नगर में रहने वाली बरखा सोनी मी श्वेता गैग की सदस्य है। श्वेता (सागर) जिन लोगों को हनीट्रेप में फंसा लेती थी, उनसे वसूली का काम बरखा सोनी करती थी।

बरखा का पति एक राष्ट्रीय पार्टी की आईटी सेल का पदाधिकारी था। मामला सामने आने के एक महीने पहले ही उसे हटा दिया गया था। अपनी कामयाबी पर लगातार रोब मे आने के कारण उन्हे पुरानी पार्टी के मंत्री पर हाथ डालना भारी पड गया। सुत्रो के अनुसार श्वेता (सागर) ने हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार के कददावर मत्री को अपने जाल में फंसा लिया।

रंग-रैलिया मनाते हुए सीडी बनाने के बाद शेता ने मंत्री जी से वसूली का काम बरखा सोनी को सौंप दिया था। लेकिन जैसे ही बरखा ने मंत्री जी पर अड़ी डाली बस उसी समय हनीट्रैप की पूरे गिरोह का गेमसेट हो गया है। अपनी रंगीन सीडी बनवा चुके मंत्री जी ने अपनी ही बिरादरी के आईएएस आईपीएस के साथ मिलकर प्लान तैयार किया और पूरे गिरोह का भांडाफोड करा दिया।

वही पुलिस ने बुधवार रात गिरफ्तार किए गए सभी ओरापियो को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने सभी का कोर्ट से रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट आरती ओर मोनिका को 22 सितंबर तक पुलिस को रिमांड पर देते हुए अन्य तीन आरोपी महिलाओ बरखा भटनागर ओर दोनो श्वेता जैन को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

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