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नई दिल्ली।। नोटबंदी के एक साल पूरा होने के बाद किसी ने जश्न मनाया तो किसी ने मातम। बुधवार 8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरा हो गया। भाजपा ने जहां इसे ‘एंटी ब्लैकमनी डे’ के रूप में मनाया तो वहीं विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी पर विरोध जताते हुये ‘ब्लैकमनी डे’ मनाया। इस बीच एक न्यूज़ चैनल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की लिस्ट के हवाले से यह दावा किया है कि लिस्ट में बसपा प्रमुख मायावती, राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती समेत कई नेताओं, नौकरशाहों समेत अन्य पेशेवर लोगों के नाम शामिल हैं।
लिस्ट में जिन नामों का उल्लेख है उन सभी पर नोटबंदी के दौरान देश के साथ धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। ये लोग ED के निशाने पर हैं। सूत्रों की मानें तो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के लिये ED ने ये लिस्ट बनाई है। चैनल की तरफ से भी यह दावा किया गया है कि नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में इन लोगों ने अपने कालेधन को ठिकाने लगाया है।
ED के डोजियर का हवाला देते हुये न्यूज़ चैनल ने दावा किया है नोटबंदी के बाद लगभग 11,000 करोड़ रुपये के संदिग्ध ट्रांजेक्शन का पता चला है। इन ट्रांजेक्शन से जुड़े लगभग 4000 मामले मनी-लॉन्ड्रिंग और फेमा के उल्लंघन के तहत दर्ज किये गये। इसके अतिरिक्त देशभर में लगभग 800 ठिकानों पर छापेमारी की गई, जबकि इस मामले में 600 लोगों को कारण बताओ ‘नोटिस’ जारी किया गया।
इस संबंध में ED ने अब-तक कुल 54 लोगों को हिरासत में लिया गया। न्यूज़ चैनल ने यह भी दावा किया है कि ED की लिस्ट में शामिल इन लोगों ने ‘नोटबंदी’ के तुरंत बाद ‘टैक्स’ चोरी कर करोड़ों की ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में कराया। इन लोगों ने ‘कालेधन’ को व्हाइट करने के लिए शेयर बाजार का भी जमकर इस्तेमाल किया।
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