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नई दिल्ली ।। शाहरुख खान अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। लेकिन उनके बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे कि उन्हीं के एक करीबी रिश्तेदार को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फांसी के फंदे से छुड़ाया था।

न सिर्फ छुड़ाया बल्कि देश की सेवा के लिए राजनीतिक पार्टी से भी जोड़ा। दरअसल बात थोड़ी पुरानी है वर्ष 1942 में जब द्धितीय विश्व युद्ध छिड़ा था, तब शाहनवाज खान नाम का युवक जो पंजाबी मुसलमान था ब्रिटिश साम्राज्य के भारतीय रेजिमेंट में शामिल हुआ। यही वो पहला शख्स था जिसने दिल्ली के लाल किले से अंग्रेजों का झंडा उतारा था।

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जापान के खिलाफ लड़ाई में साउथ एशिया में जापानी सेना ने शाहनवाज को गिरफ्तार कर सुभाष चंद्र बोस के हवाले कर दिया जो उन दिनों आईएनए का नेतृत्व कर रहे थे और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जापान का साथ दे रहे थे। शाहनवाज भी खुशी-खुशी नेताजी के साथ हो लिए। युद्ध के खत्म होने के बाद अंग्रेजी हुकूमत ने उन लोगों को चिह्नित करना शुरू किया जो अंग्रेजी सेना का साथ छोड़ नेताजी के साथ जा मिले थे। बर्मा में जनरल शाहनवाज खान और उनके दल को ब्रिटिश आर्मी ने बंदी बना लिया था।

इनके खिलाफ दिल्ली के लाल किले में अंग्रेजी हुकूमत ने राजद्रोह का मुकदमा चलाया। दोष सिद्ध होने पर फांसी से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा तय की गई। ये जानकारी जैसे ही नेहरू और कांग्रेस को लगी उन्होंने इसका विरोध किया। आखिरकार कोर्ट में नेहरू की दलीलों और बाहर भारी जन दबाव और समर्थन के चलते अर्थदण्ड का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया।

भारत की आजादी के बाद पंडित नेहरू ने जनरल शाहनवाज खान को कांग्रेस में शामिल होने का आग्रह किया। शाहनवाज भी नेहरू का आग्रह स्वीकर करते हुए कांग्रेस के सदस्य बन गए। कांग्रेस ने 1952 के आम चुनावों में उन्हें मेरठ लोकसभा से अपना उम्मीदवार बनाया और इस तरह वह लोकसभा तक पहुंचे। मेरठ से शाहनवाज खान तीन बार लोकसभा का चुनाव जीते और नेहरू कैबिनेट में मंत्री भी रहे।

जनरल शाहनवाज खान बंटवारे के वक्त अपना पूरा परिवार पाकिस्तान में छोड़ हिंदुस्तान चले आए थे। उन्होंने लतीफ फातिमा नाम की एक लड़की को गोद लिया था। लतीफ फातिमा की शादी उन्होंने अपने एक साथी ताज मोहम्मद से कराई। इन दोनों की एक संतान हुई जिसको दुनिया शाहरुख खान के नाम से जानती है। शाहरुख के नाना जनरल शाहनवाज खान ही वह शख्स थे जिन्होंने आजादी के बाद सबसे पहले लाल किले से अंग्रेजों का झंडा उतारा था।

एक बार शाहरुख ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि जब वह छोटे थे तो उनके नाना जनरल शाहनवाज उन्हे अकसर कहा करते कि हम लेग असली राष्चरवादी हैं, क्योंकि जब बंटवारे के बाद भारत के मुसलमान पाकिस्तान जा रहे थे उस वक्त हम लोग रावलपिंडी छोड़ यहां अपने मुल्क में आ बसे।

फोटो- फाइल

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