नई दिल्ली।। उप-चुनावों में हार मिलने के बाद बीजेपी अभी समीक्षा करने में जुटी ही थी कि अब उसके लिए एक और बुरी खबर आ गयी। NDA अब टूटने लगा है। YSR कांग्रेस ने बीजेपी नीत NDA सरकार के खिलाफ गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इंकार करने की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है। पार्टी के सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया।
उन्होंने मांग की कि इस अविश्वास प्रस्ताव को सदन के शुक्रवार के कामकाज में शामिल किया जाये। यह जानकारी रेड्डी के कार्यालय ने दी। प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। YSR कांग्रेस के लोकसभा में 9 सदस्य हैं। अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो यह मोदी सरकार के खिलाफ लाया जाने वाला पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा।
YSR कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने विभिन्न दलों के नेताओं को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव के लिये समर्थन मांगा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि अगर केंद्र राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर अनिच्छुक रहता है तो उसके सभी सांसद 6 अप्रैल को इस्तीफा दे देंगे। वहीँ सुब्बा रेड्डी के कार्यालय ने कहा कि उक्त नोटिस को सदन के कल के कामकाज में शामिल करने के लिये दिया गया है। वहीं, YSR कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी 21 मार्च को प्रस्ताव पेश करेगी। संसद के अगले सप्ताह के एजेंडा पर शुक्रवार को निर्णय होगा।
विशेष राज्य’ के दर्जे के मुद्दे को विभिन्न दलों का समर्थन प्राप्त होने को देखते हुये TDP के सांसद टी नरसिम्हम ने जानकारी देते हुए कहा कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। YSR कांग्रेस राज्य में TDP की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। बाद में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी कहा कि TDP आंध्र प्रदेश के हित में केंद्र में NDA सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। नायडू ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में कहा, “जो भी अविश्वास प्रस्ताव लायेगा हम उसका समर्थन करेंगे। हम उसके लिये तैयार रहेंगे और हमारे 16-17 सांसद उसका पूरी तरह समर्थन करेंगे। हम राज्य के अधिकारों के लिये जो भी लड़ेगा उसका समर्थन करेंगे।”
हालाँकि 536 सदस्यीय लोकसभा में बीजेपी के 274 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दलों के 56 सदस्य हैं। अगर अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार भी कर लिया जाता है तो निश्चित तौर पर यह गिर जायेगा। लेकिन ‘विशेष राज्य’ का दर्जा देने की मांग को लेकर आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में भगवा दल को मुश्किल स्थिति में डाल देगा। TDP ने केंद्र सरकार से अपने मंत्रियों को उस समय हटा लिया जब केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि वह राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दे सकता। राज्य में सत्तारूढ़ TDP अब राजग छोड़ने पर विचार कर रही है।
अगर अविश्वास प्रस्ताव को TDP के 16 सदस्यों का भी समर्थन मिल जाता है तो भी NDA सरकार को संख्या बल के मामले में कोई परेशानी नहीं होने वाली है। YSR कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाकर राज्य में अपनी प्रतिद्वंद्वी TDP को बचाव की मुद्रा में लाने की कोशिश कर रही है। राज्य में लोकसभा चुनावों के साथ अगले साल विधानसभा के चुनाव भी होने हैं।