नई दिल्ली ।। भाजपा के दिग्गज नेता एवं देश के पीएम मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में देश के सांसद और विधायकों ने हिस्सा लिया है।
तो वहीं इस सम्मलेन के दौरान पीएम मोदी ने ’40 साल से अधिक वाले अफसर विकास में बाधा’ कह कर सबको सकते में डाल दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक देश के सरकारी अधिकारियों की सेवानिवृति की उम्र सीमा 60 वर्ष है।
पीएम मोदी ने कहा कि वो जहां भी गए, वहां के ज्यादातर डीएम को 40 वर्ष से ऊपर का पाया। इस उम्र के लोगों को काम कम और बच्चों की पढाई-लिखाई की ज्यादा चिंता होती है। इस दौरान देश के 101 पिछड़े जिलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। देश के विकास के लिए विधायक-सांसदों का शुरू हुआ यह सम्मेलन दो दिन तक चलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि बराबरी के लिए सभी जिलों का विकास होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमने जिलों के विकास के लिए 115 जिलों के डीएम को बुलाया और उनसे बात की। उन्होंने कहा कि ज्यादा उम्र के डीएम विकास में बाधक हैं। विकास के लिए युवा अफसरों को प्रोत्साहित करना होगा। विकास के लिए अफसर और जनप्रतिनिधि साथ आएं।
पीएम मोदी के इस बयान से 40 वर्ष से ज्यागा उम्र वाले ऑफिसर के नौकरी पर संकट के बादल घिर गए हैं। कल यह भी हो सकता है कि उनसे विकास से जुडी सारी अहम् जिम्मेवारी छीन ली जाए या कम से कम जिले का डीएम न बनाया जाए।
आपको बता दें कि खुद मोदी 67 वर्ष के हैं और 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले को विकास में रोड़ा बता रहें हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या मोदी जी खुद के बात पर अमल करते हुए 40 वर्ष से अधिक आयु डीएम के साथ ही जनप्रतिनिधि और खुद को रिटारमेंट देकर देश के विकास के लिए युवाओं को आगे आने देंगे।