उत्तर प्रदेश ।। अर्जुन आर्य के सोमवार को कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच की दरार बढ़ गई है। सपा आर्य को बुधनी विधानसभा सीट से खड़ा करना चाहती थी, जो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र है।
कांग्रेस और सपा के बीच के इस तनाव की शुरुआत शनिवार को उस वक्त हुई जब सपा ने किसी भी संभावित गठबंधन की संभावनाओं को नकारते हुए छह उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। सोमवार को न्यूज18 से बात करते हुए आर्य ने कहा, “किसानों से बातचीत करने के बाद मैंने सम्मानपूर्वक समाजवादी पार्टी का टिकट लौटने का फैसला किया। राज्य को सीएम शिवराज सिंह चौहान के क्रूर राज से मुक्ति दिलाने के लिए हमें कांग्रेस के मजबूत हाथ की जरूरत है।”
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हालांकि कांग्रेस ने आर्य को अभी तक औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल नहीं किया है। आर्य पिछले कई महीनों से बुधनी में किसानों के लिए आंदोलन कर रहे हैं और इसके लिए वह जेल भी जा चुके हैं। आर्य के निर्णय से नाराज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर बीएसपी को भी इसी तरह परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा, “चुनाव के वक्त इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है, लेकिन मैं कहूंगा कि यह कांग्रेस नेता के आदेश पर हुआ है।”
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “तब क्या होगा जब मैं कहूंगा कि जिनको कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया उन्हें समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि जब भी कांग्रेस नाकाम होती है तो वह समाजवादी पार्टी को भरोसेमंद साथी के तौर पर देखती है। इसी बीच खबर आई है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अरुण यादव समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। जुलाई में जब अखिलेश यादव भोपाल पहुंचे थे तब यादव ने उनसे मुलाकात की थी।
अरुण यादव मंगलवार को खजुराहो में अखिलेश से मुलाकात करेंगे जिसके बाद वह कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी पहले ही कांग्रेस को झटका दे चुकी है और एसपी, बीएसपी और गोंडवाना जनतंत्र पार्टी के साथ हाथ मिलाने की इच्छा जाहिर कर चुकी है।
फोटो- फाइल
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