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Up Kiran, Digital Desk: अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते समय अधिकांश राष्ट्राध्यक्ष हवाई जहाज का उपयोग करते हैं, लेकिन उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने एक अलग मार्ग अपनाया है। वे अपनी यात्रा के लिए बख्तरबंद ट्रेन का चयन करते हैं, जो न सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से मजबूत होती है, बल्कि यह उत्तर कोरिया की राजनीति और किम परिवार की पुरानी परंपराओं से भी जुड़ी हुई है। हाल ही में, किम जोंग उन ने चीन यात्रा के लिए इसी विशेष ट्रेन का उपयोग किया और बीजिंग पहुंचे।
एक लंबे सफर की शुरुआत
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से चीन की राजधानी बीजिंग तक लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय करने में किम जोंग उन की ट्रेन ने कई दिन बिताए। इस यात्रा का उद्देश्य एक ऐतिहासिक सैन्य परेड में भाग लेना था, जो 3 सितंबर को 'विक्ट्री डे' के अवसर पर आयोजित हो रही है। इसमें किम जोंग उन के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य वैश्विक नेता भी शामिल होंगे। इस परेड का महत्व वैश्विक राजनीति में बढ़ते तनाव को उजागर करता है, जहां इन नेताओं ने एकजुटता दिखाने का संकेत दिया है, खासकर अमेरिका के खिलाफ।
किम जोंग उन का ऐतिहासिक प्रवेश
यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और चीन के खिलाफ जापान के आक्रमण की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित हो रही है। किम जोंग उन इस आयोजन में पहली बार हिस्सा ले रहे हैं। इस अवसर पर, किम जोंग उन, शी जिनपिंग और पुतिन एक साथ खड़े होकर एक मजबूत त्रिपक्षीय एकता का प्रदर्शन करेंगे। यह घटना न केवल चीन और रूस के लिए, बल्कि उत्तर कोरिया के लिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि यह किम जोंग उन के 14 साल के शासन में पहला बड़ा बहुपक्षीय आयोजन होगा।
उत्तर कोरियाई नेताओं की ट्रेन यात्रा की परंपरा
किम जोंग उन के लिए ट्रेन से यात्रा करना कोई नई बात नहीं है। दरअसल, यह एक परंपरा है जो उनके दादा किम इल सुंग से शुरू हुई थी। किम इल सुंग और किम जोंग इल दोनों ही लंबी दूरी की यात्रा के लिए ट्रेन का ही इस्तेमाल करते थे। कहा जाता है कि किम जोंग इल को हवाई जहाज से यात्रा करने में डर लगता था, और इसी वजह से उन्होंने बख्तरबंद ट्रेन को प्राथमिकता दी थी। यह परंपरा आज भी किम जोंग उन द्वारा जारी रखी गई है।
किम जोंग उन की विशेष ट्रेन
किम जोंग उन की बुलेटप्रूफ ट्रेन को लेकर कई दिलचस्प बातें हैं। इस ट्रेन में कुल 90 डिब्बे होते हैं और इसकी गति करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इसमें एक कॉन्फ्रेंस रूम, आरामदायक बेडरूम, सैटेलाइट फोन और फ्लैट स्क्रीन टीवी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ट्रेन को 'टाएयेनघो' नाम से जाना जाता है, जिसका कोरियाई में मतलब 'सूरज' है, जो कि किम इल सुंग के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल होता है।
यह ट्रेन न केवल किम जोंग उन के लिए एक यात्रा का साधन है, बल्कि यह उत्तर कोरिया के शक्तिशाली नेता के सुरक्षा की भी गारंटी देती है। उत्तर कोरिया के सुरक्षा एजेंट ट्रेन के रास्ते और अगली स्टेशन की जांच करते हैं, ताकि किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सके।
एक और ऐतिहासिक यात्रा
यह ट्रेन यात्रा कोई पहली बार नहीं हो रही है। 2001 में किम जोंग इल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के लिए दस दिन लंबी ट्रेन यात्रा की थी। उस यात्रा ने न केवल किम जोंग इल के सुरक्षा इंतजामों को प्रदर्शित किया, बल्कि यह किम परिवार के लिए एक प्रमुख राजनीतिक संकेत भी था।
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