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लखनऊ।। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में आज सपा अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक एेसा बयान दिया जिसे सुनकर उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के चेहरे का भाव ही बदल गया। हालाँकि अखिलेश इस बयान के बाद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा मन ही मन खुश जरूर हुए होंगे। अखिलेश यादव ने जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की उनके लोकसभा क्षेत्र में हार को लेकर घेरा वहीँ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को कहा​ कि गोरखपुर और फूलपुर में दो तो हार गये, आप ही हो, जो बच गये। मुझे खुशी है कि इसमें आप बाज़ी मार ले गये, ‘उप’ हटाइये।

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उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के लिये अखिलेश यादव ने कहा कि हम चाहते हैं आपके आगे से ‘उप’ हट जाये। आपकी गाड़ी के सामने किसान और आढ़ती लेट गये थे। भाजपा का नेता आढ़तियों का पैसा लेकर भाग गया। कहिये तो आपके पास भेज दूं। आप न्याय दिला सकते हैं, जो आप से मिलने आये। उस पर 376 का मुकदमा लिख दिया गया। हमारे यहाँ जो कप्तान भेजा, वह सिर्फ 376 का मुकदमा लिखवा रहा है और महिलाओं का पता ही नहीं कि उन्होंने मुक़दमा लिखवाया है।

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सपा अध्यक्ष ने कहा कि “दिनेश शर्मा बैठे हैं सदन में, 100 नंबर आपको बढ़ाना होगा। अमेरिका जैसी व्यवस्था की। न्यूयार्क का रिस्पांस सिस्टम देख कर काम कराया है। क़ानून-व्यवस्था यूपी 100 से बेहतर होगी। आप गाड़ियां बढ़ाइये। यूपी 100 में पुलिस विभाग में ऐसे लोग हैं, जो 100 नंबर नहीं बढ़ने देने चाहते हैं। थाने और 100 नंबर की लड़ाई में 100 आगे नही बढ़ रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम पर केस कितने हैं? लेकिन हमारे नेता सदन पर कोई केस नहीं है। हम आपके आगे से ‘उप’ हटाना चाहते हैं। हमारा गठबंधन है और ऐसा है जिसको आप तोड़ नही पायेंगे। इस दौरान सदन में जब अखिलेश यादव बोल रहे थे तो एमएलसी देवेंद्र सिंह ने हंगामा किया। इसपर अखिलेश यादव ने कहा कि आपकी हार का खुमार उतरा नहीं है। भाषा ठीक होनी चाहिये। उंगली दिखाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मुक़दमे वापस लेने का दौर है, लेकिन बगल के सदन में यूपीकोका क़ानून पास हो गया है।

कानून-व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। लेकिन जोर एनकाउंटर पर है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में कोई घटना हो जाये, विधायक के बेटे की हत्या हो जाये लेकिन एनकाउंटर नहीं होता। इलाहाबाद में युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई लेकिन आरोपियों का एनकाउंटर नहीं होता। क़ानून-व्यवस्था खराब है। आप के ही लोग सुरक्षित नहीं हैं। इनकाउंटर पर कितनी उंगली उठ रही है? अब तक 37 नोटिस एनएचआरसी दे चुका है। हमारी सरकार में 16 नोटिस मिले थे।

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