उत्तराखंड ।। हिंदुस्तान के साथ दोस्ती का दावा करने वाले चीन ने एक बार फिर हिंदुस्तानी सरहद में कदम रखने का दुस्साहस किया है। इस बात की खबरें आ रही हैं कि चीनी सैनिकों ने बीते हफ्ते जम्मू-कश्मीर के लद्दाख डिवीजन में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया है। सुरक्षा अफसरों ने शुक्रवार ये जानकारी दी है।
अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चीनी सैनिकों की इस हरकत के पीछे असली कारण क्या है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस दिन दलाई लामा के जन्मदिन के अवसर पर कुछ तिब्बतियों द्वारा तिब्बती झंडे फहराने से चीनी सैनिक नाराज हो गए थे।
सुरक्षा अफसरों ने बताया कि पीएलए यानी पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) के कई जवानों ने छह जुलाई को एलएसी (LAC) के करीब डेमचोक सेक्टर के कोउल गांव में अपनी एसयूवी कार के साथ हिंदुस्तानीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। इस दौरान यहां बसे शरणार्थियों द्वारा तिब्बती झंडे फहराकर विरोध दर्ज कराया था। हालांकि, सुरक्षा अफसरों का कहना है कि चूंकि LAC C को दशकों तक ठीक से सीमांकित नहीं किया गया है, इस कारण हिंदुस्तान और चीन में इस पर अलग-अलग धारणाएं हैं।
वहीं अन्य सूत्रों का कहना है कि 6 जुलाई को सादे कपड़ों में करीब 11 चीनी जवान दो वाहनों में पहुंचे, जब लद्दाख के सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे। ग्रामीणों ने उन्हें बैनर दिखाए और 30-40 मिनट तक इंतजार किया। तिब्बती लोग दलाई लामा का 84 वां जन्मदिन मना रहे थे। इस दौरान चीनी सैनिक हिंदुस्तानीय सरहद में करीब 5 किलोमीटर अंदर आ चुके थे। लेकिन इसके बाद चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतरी इलाकों में घुसने की कोशिश नहीं की।
हिंदुस्तान और चीन एक विवादित सीमा साझा करते हैं और दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम में 2017 में 73 दिनों तक गतिरोध में लगी रहीं।हिंदुस्तानीय सुरक्षा अफसरों के मुताबिक दोनों पक्षों ने मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया है। उनका कहना है कि सेना के जवान भी मौके पर मौजूद थे, ऐसे में चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिली। पीएलए (PLA) ने हिंदुस्तानीय क्षेत्र में 1.5 किमी तक प्रवेश किया। इससे पहले, अफसरों ने दावा किया था कि चीनी सैनिकों ने 5 किमी तक प्रवेश किया था। कुछ घंटों के बाद, सेना के अफसरों द्वारा आश्वासन के बाद चीनी सैनिक अपने क्षेत्र में लौट आए।