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लखनऊ।। समाजवादी पार्टी में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को मांगे गए आवेदन के क्रम में

सिद्दार्थनगर जिले की लोकसभा सीट डुमरियागंज से टिकट की दावेदारी को लेकर प्रत्याशियों

ने ताल ठोंकना शुरू कर दिया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय भले ही अब तक

लोकसभा के चुनावों में हार का मुंह देखते आये हैं लेकिन सिद्दार्थनगर की इस लोकसभा सीट

पर उनका हमेशा से दावा रहा है।

माता प्रसाद पाण्डेय समाजवादी पार्टी में खासा दखल रखते हैं इसीलिये इस लोकसभा सीट पर

उनका दावा हमेशा मजबूत रहा। लेकिन इस बार सपा में भी काफी कुछ बदल चुका है और नयी

पीढ़ी ने मोर्चा संभाल लिया है। ऐसे में इस बार डुमरियागंज लोकसभा सीट को लेकर पार्टी कोई

नया फैसला ले सकती है। जानकार लोगों का मानना है कि स्वर्गीय बृज भूषण तिवारी को अपना

राजनैतिक प्रतिद्वंदी मानने वाले माता प्रसाद पांडेय को इस बार राज्यसभा सांसद आलोक

तिवारी ने लोकसभा के टिकट की दावेदारी करके चुनौती दे डाली है।

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बता दें कि इस बार डुमरियागंज सीट स्वर्गीय बृज भूषण तिवारी के राजनैतिक उत्तराधिकारी और बड़े पुत्र और वर्तमान राज्यसभा सांसद आलोक तिवारी ने पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया है। आलोक तिवारी को भी ब्राह्मण चेहरा माना जा रहा है। स्वर्गीय बृज भूषण तिवारी के पुत्र के नाते आलोक तिवारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का जहाँ आशीर्वाद प्राप्त हैं वहीँ आलोक तिवारी को प्रोफ़ेसर राम गोपाल का नजदीकी भी माना जाता है।

इन सबके बीच डुमरियागंज लोकसभा सीट जिले की लोकसभा सीट के लिए स्वतंत्रता ग्रामसेनानी परिवार से ताल्लुक रखने वाले बदरे आलम खान की दावेदारी ने सबका समीकरण बिगाड़ दिया है। साफ-सुथरी और स्वच्छ छवि के बदरे आलम की दावेदारी को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। हालाँकि डुमरियागंज लोकसभा सीट पर दो बार चुनाव लड़ने वाले माता प्रसाद पांडेय की दावेदारी सर्वाधिक मजबूत मानी जा रही है। लेकिन पिछले दो चुनावों में उनके तीसरे नम्बर पर रहने से इस बार उनकी दावेदारी कमजोर हुई है।

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उधर सपा नेता बदरे आलम का मानना है कि 30 फीसदी से अधिक मुस्लिम मतदाता वाले डुमरियागंज लोकसभा क्षे़त्र में 2.5 से 3 लाख मुस्लिम मत पोल होते हैं। इसके अलावा पिछड़े वोटों को मिला कर मजबूत गणित तैयार होती है और ऐसे में यदि उन्हें टिकट दे दिया जाये तो वो सीट को जीत भी सकते हैं।बदरे आलम का यह भी कहना है कि गत विधानसभा चुनावों में जिले में एक भी मुस्लिम को प्रत्याशी न बनाये जाने से नाराज मुसलमान उनके नाम पर फिर से समाजवादी पार्टी में लौट सकते हैं। उनका दावा है कि वो यह बात सपा के कई वरिष्ठ नेताओं को समझाने में सफल भी रहे हैं। और ऐसे में उन्हें पूरा यकीन है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उन्हें ही टिकट देंगे।

वहीँ समाजवादी पार्टी का एक तबका ये मानता है कि माता प्रसाद पांडेय पार्टी के बड़े नेता हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी में सवर्ण फेस के तौर पर देखा जाता है। ऐसे में उनको चुनाव लड़ाना सपा की मजबूरी है। हालाँकि इस तबके का यह भी मानना है कि इस सीट से माता प्रसाद पाण्डेय का चुनाव जीत पाना टेढ़ी खीर है। इसके बावजूद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके स्थान पर किसी नये नाम को आसानी से हरी झंडी नहीं देंगे।

फोटोः फाइल 

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