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नई दिल्ली ।। महाराष्ट्र के श्रम मंत्री शंभाजी पाटिल निलंगेकर को Bank से 51 करोड़ रुपये की कर्जमाफी मिलने पर विवाद हो गया है। Bank से उनका 51 करोड़ का लोन माफ कर दिया गया है।


आपको बता दें कि शंभाजी पर 2 साल पहले union Bank और Bank Of Maharashtra से 49.30 करोड़ रुपये का लोन लेने के मामले में CBI ने धोखाधड़ी और साजिश रचने का केस दर्ज किया था।

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हालांकि, मीडिया से बात करते हुए शंभाजी ने कहा कि Banking नियमों के मुताबिक ही लोन माफ करवाया गया है और उन्होंने किसी भी तरह का नियम नहीं तोड़ा है। उन्होंने बताया कि दोनों बैंकों से विक्टोरिया एग्रो फूड प्रोसेसिंग लिमिटेड ने 2009 में बीस-बीस करोड़ का लोन लिया था।

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शुरुआत के 2 सालों में कंपनी ने ब्याज चुकाया लेकिन 2011 से ब्याज जमा न होने की वजह से धनराशि 76 करोड़ रुपये हो गयी जिसे बाद में NPA घोषित कर दिया गया। बाद में एकमुश्त योजना के अनुसार उनका 51 करोड़ रुपये का लोन माफ कर दिया गया।

एकमुश्त योजना पर फैसला Bank की मैनेजिंग कमेटी ने लिया था। शंभाजी ने यह भी बताया कि जिस कंपनी ने लोन लिया था उसे उनकी पत्नी के भाई और एक अन्य व्यक्ति चला रहे थे।

फोटोः फाइल

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