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लखनऊ ।। गत रविवार को Samajwadi Party ने लोकसभा उप-चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। जैसा कि विचार किया रहा था कि सपा, भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उम्मीदवार के नाम जारी करने के बाद अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी, मगर ऐसा हुआ नहीं।
Samajwadi Party ने अपनी चुनावी तैयारियों को मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी से पूर्व ही अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है। खासकर इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए तो ऐसी ही कल्पना की जा रही थी।
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Samajwadi Party ने यहां से पूर्व जिला सचिव नागेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है। नागेंद्र कुर्मी बिरादरी में अच्छी पकड़ रखते हैं और इसी को देखते हुए पार्टी ने उनपर दांव खेला है। तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के कब्जे की इस सीट पर जीत हासिल करना सपा के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
वैसे तो ये सीट Samajwadi Party के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण रही है। इसी सीट से कभी जनेश्वर मिश्र, जंग बहादुर सिंह पटेल सरीखे Samajwadi Party ने जीत हासिल कर पार्लियामेंट के निचले सदन का रास्ता तय किया था। पिछले लोकसभा चुनाव में ये सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में चली गई। यहां से मौजूदा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या जीते थे।
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भारत के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के संसदीय क्षेत्र फूलपुर के उपचुनाव में पार्टी जातिगत गणित को साधने की पूरी कोशिश कर रही है। आपको बताते चलें कि साल 2009 में परिसीमन के बाद से इस सीट पर जातीय गणित बिगड़ गया है। पहले इस संसदीय क्षेत्र में प्रतापपुर और हंडिया विधानसभा क्षेत्र भी थे मगर अब ये दोनों विधानसभा क्षेत्र भदोही लोकसभा क्षेत्र में जुड़ गए हैं।
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ऐसे में यहां ब्राह्मण और कायस्थ मतदाताओं की तादाद बढ़ गई है। पहले सबसे अधिक कुर्मी, कुशवाहा और मुस्लिम मतदाता इस सीट पर थे। इसमें फूलपुर, फाफामऊ, शहर उत्तरी व शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार 2017 के विधानसभा चुनाव में जीते थे। फाफामऊ में भी कुर्मी, कुशवाहा, मुस्लिम, ब्राह्मण व यादव मतदाता ज्यादा हैं। Samajwadi Party की कोशिश है कि वह पिछड़ी जातियों को लामबंद कर ये सीट आसानी से जीत सकती है।
फोटोः फाइल
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