बिल गेट्स की इस योजना से होगी 17 लाख करोड़ की बचत, तरीका जानकर तो आप भी कहेंगे WOW

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करियर ।। एक लंबे समय तक दुनिया के सबसे बड़े धनकुबेर के पायदान पर काबिज रहे बिल गेट्स का मानना है कि टाॅयलेट्स एक गंभीर बिजनेस है। दरअसल बिल गेट्स टाॅयलेट रिइन्वेंशन से करीब 5 लाख जिंदगियों को बचाने को बचाने की तैयारी में है। उनके प्लान की सबसे खास बात ये है कि इससे 200 अरब डॉलर की बचत भी होगी।

बता दें कि बीते सात सालों में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने सैनिटेशन रिसर्च पर करीब 200 मिलियन डाॅलर खर्च कर चुकी है। उनके फाउंडेशन ने कर्इ तरह के हानिकारक पैथोजेन्स को मारने आैर बाॅडी वेस्ट को साफ पानी व उर्वरक बनाने पर भी खर्च किया है।

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गेट्स ने बताया कि एक बीकर मानव मल में करीब 200 खरब रोटावायरस सेल्स, 200 अरब शिगेला बैक्टिरिया आैर 1 लाख पैरासिटिक वाॅर्म्स के अंडे पाए जाते हैं। माइक्रोसाॅफ्ट के संस्थापक ने 400 एेसे तरीकों के बारे जानकारी दी जिससे मानव मल को स्टेरेलाइज किया जा सकता है। इससे 5 लाख नवजातों की जिंदगी बचार्इ जा सकती है।

जबकि डायरिया, काॅलरा आैर अन्य बिमारियों पर खर्च होने वाले 233 अरब डाॅलर (करीब 17 लाख करोड़) की बचत की जा सकती है। कैलिफोर्निया इंडस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी के एक तरीके के बारे में भी बिल गेट्स ने बताया जो कि काफी दिलचस्प है। इस तरीके में मानव मल व पानी को इलेक्टोकेमिलकल की मदद से उर्वरक व हाइड्रोजन में तब्दील करना है। इसे बाद में हाइड्रोजन फ्यूल के तौर पर एनर्जी पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि बढ़ते शहरीकरण आैर अाबादी के इस दौर में सीवन व वेस्ट-ट्रीटमेंट के लिए कम लागत नहीं तो इसका मतलब नहीं होगा। कुछ शहरों आधे से ज्यादा मानव मल तो पर्यावरण में एेसे ही मिल जाता है। सैनिटेशन पर खर्च होने वाले हर एक डाॅलर पर 5.50 डाॅलर का रिटर्न मिलता है।

कर्इ विश्लेषकों का कहना है कि यदि मानव मल का सही तरीके से निपटारा किया जाता है तो अर्थव्यवस्था को इससे कर्इ तरह के फायदे मिल सकते हैं। गेट्स के मुताबिक, टाॅयलेट मार्केट की दिग्गज जापानी कंपनी लिक्सिल ग्रुप साल 2030 तक प्रति वर्ष 6 अरब डाॅलर की कमार्इ कर सकती है।

फोटो- फाइल

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