बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर रांची की CBI कोर्ट ने निर्णय दे दिया है। देवघर चारा घोटाला केस में लालू यादव को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया गया है। वहीं बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया है। उनके अलावा ध्रुव भगत को भी बरी कर दिया गया है।
www.upkiran.org
आपको बता दें कि वर्ष 1990 से 1994 के बीच लालू यादव पर देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकालने का आरोप है। इस दौरान लालू यादव बिहार के सीएम थे। हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से 1 देवघर कोषागार से जुड़ा केस है। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ CBI ने 27 अक्टूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था। आज लगभग 20 वर्ष बाद इस मामले में फैसले की घड़ी आई है।
इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है। इस केस में लालू प्रसाद के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा एवं ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डा. के के प्रसाद तथा शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे।
पढ़िए- Aam Aadmi Party के कुनबे में हचलच, राज्यसभा चुनाव ये उम्मीदवार है आगे
सभी 38 आरोपियों में से 11 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन CBI के गवाह बन गए हैं। वहीं दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था, जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गई थी।शिवपाल सिंह की अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज करने और बहस के बाद अपना फैसला 13 दिसंबर को सुरक्षित रख लिया था।
2जी फैसले के बाद, चारा घोटाले पर बोले लालू यादव, कहा-मुझे…
लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में यदि लालू और अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा होगी। हालांकि, सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।
फोटो : फाइल
इस भी पढ़िए
--Advertisement--