रायबरेली ।। योगी सरकार बनने के गठित एंटी रोमियो स्क्वाड से ये लगने लगा था कि लड़कियों को अब शोहदों के आतंक से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन समय बीतने के साथ ही अब एंटी रोमियो दस्ते का कहीं अता-पता नहीं है और आये दिन छात्रों से के छेड़छाड़ की घटनाएं सरेआम हो गयी हैं।
मामला रायबरेली से है जहाँ अपनी आबरू को लेकर एक गांव की कई छात्राओं को इतना खतरा लगा कि उन्होंने स्कूल तक जाना बंद कर दिया है। पुलिस आरोपियों पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
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मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव डिहवा मजरे सरगपुर है जहाँ कुछ मनचलों का इस कदर आतंक है कि गांव की बालिकायें स्कूल नहीं जा पा रही हैं। इस गांव में अबतक तीन लड़कियां शोहदों का शिकार हो चुकी हैं। पुलिस की लचर कार्य-शैली से बेखौफ शोहदे गांव में आतंक फैलाये हैं।
यहाँ करीब एक साल पहले एक लड़की रिश्तेदारी में आयी थी। गांव के ही एक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया और फिर युवक जेल भी हुई, लेकिन थोड़े दिन बाद ही वह जेल से रिहा होकर वापस आ गया। इसके बाद उसी का छोटा भाई गांव की एक हाई-स्कूल की छात्रा के पीछे पड़ गया।
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मामला हद से आगे बढ़ा तो पुलिस को मामले में मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि बीते 22 जनवरी की रात दुष्कर्म का आरोपी युवक घर में सो रही एक किशोरी के कमरे में घुस गया और उसकी इज्जत लूटनी चाही। किशोरी ने जब चीखना चिल्लाना शुरू किया तो आरोपी युवक भाग निकला।
इस मामले की शिकायत अगले ही दिन कोतवाली में की गई, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। परिणाम यह हुआ कि 26 जनवरी की रात शोहदे फिर पीड़िता के दरवाजे पर चढ़ गये और जमकर बवाल किया। इस घटना से पीड़ित परिवार रात भर दहशत के साये में रहा।
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हद तो उस समय हो गई जब पुलिस ने आरोपी की बात पर गांव के ही दो लोगों के विरुद्ध उल्टा मुकदमा दर्ज कर लिया। हालात ये है कि गांव में लगातार लोगों को परेशान किया जा रहा है।हालात इतने बिगड़ गए हैं कि यौन-उत्पीड़न की शिकार लड़की ने भय-वश पहले स्कूल जाना बंद कर दिया था, अब गांव की दूसरी लड़कियां भी स्कूल नहीं जा रही हैं।
ग्रामीणों प्रशासन पर आरोप लगाया है कि यहाँ की लड़कियों को स्कूल जाने के लिए सुरक्षित माहौल बनाने को लापरवाही बरती जा रही है। वहीँ कोतवाल धनजय सिंह ने गांव वालों पर ही आरोप लगाते हुए कहा है कि गांव में पार्टी-बंदी है, जिसके चलते लोग फर्जी आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं।
फोटोः प्रतीकात्मक
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