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लखनऊ ।। लोगों को अच्छे दिन का भरोसा देने वाली बीजेपी के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। पहले सहयोगियों ने एक-एक करके साथ छुड़ाना शुरू कर दिया है। अब बीजेपी के लिए एक और बुरी खबर है। भाजपा की सांसद ने ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा चुनाव के पहले सपा-बसपा गठबंधन के मजबूत होने के आसार नजर आने लगे हैं। यही वजह है कि कई सांसद अभी से सपा-बसपा में अपनी पैठ जमाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक वह सांसद हैं, जो दलित और पिछड़ी जाति से आते हैं।
Bharatiya Janata Party की सांसद सावित्री बाई फुले ने भी आरक्षण बचाओ-संविधान बचाओ महाअभियान की घोषणा कर BJP को चुनौती दे दी हैं। उन्होंने लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार आरक्षण को समाप्त करने की धमकी दे रहे हैं। वह कहते हैं कि आरक्षण को उस स्तर तक पहुंचा देंगे, जहां इसका होना या न होना बराबर होगा।
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हालांकि, सावित्री बाई फुले ने अभी किसी दल विशेष में जाने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों की माने तो वह सपा का दमान जल्द थाम सकती हैं, क्यों कि लगभग सभी सियासी दल अब अपने उम्मीदवार फाइनल कर रहे हैं, ऐसे में वह BJP से बगावत करने के बाद अब नए दल की तलाश में जुट गई हैं।
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के कई नेता सपा और बसपा में शामिल हो सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह सपा और बसपा का मजबूत होना है। इसे देखते हुए BJP को बड़ा झटका जल्द लग सकता है।
ये हैं BJP सांसद की मुख्य मांगे…
- 117वां संविधान संशोधन करें
- पदोन्नति में भी दें आरक्षण
- निजी क्षेत्र में दें आरक्षण
- SC/ST पर अत्याचार रोकें
- महिलाओं पर अपराध में कड़ी कार्रवाई करें
सावित्रीबाई फूले ने विरोध-प्रदर्शन और रैली तक का ऐलान कर दिया है। यही नहीं बहुजन समाज, आरक्षण बचाने और संविधान की रक्षा के लिए किसी भी सियासी दल अथवा व्यक्ति से सहयोग-समझौते की बात कह कर राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी।
सावित्री बाई ने मंगलवार को यहां यूपी प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते SC/ST, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक खतरे में हैं। भारतीय संविधान और आरक्षण भी खतरे में आ गया है। एक गोपनीय अभियान के तहत आरक्षण विरोधी इसे खत्म कर रहे हैं।
फोटोः फाइल
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