Lucknow. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कर्नाटक चुनाव के बाद नए तेवर में दिखी। उन्होंने भाई-भतीजावाद के आरोप से बचने के लिए भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। इतना ही नहीं यह भी साफ कर दिया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहते हुई कोई अपने नाते-रिश्तेदार को पार्टी में पद नहीं देगा। रामअचल राजभर को हटाकर आरएस कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इसे मायावती का ओबीसी को लुभाने का कार्ड माना जा रहा है।
मायावती ने पार्टी का जनाधार देशभर में फैलाने के लिए पार्टी संविधान में संशोधन करते हुए नए पदों की व्यवस्था की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिक उम्र होने पर फील्ड में काम करने में यदि कमजोर होता है तो उसकी सहमति पर उसे ‘राष्ट्रीय संरक्षक बनाया जाएगा।
नया राष्ट्रीय अध्यक्ष जो भी बनेगा वह राष्ट्रीय संरक्षक के निर्देश में काम करेगा। इसके साथ ही पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर दो नेशनल कोआर्डिनेटर राज्यसभा सदस्य वीर सिंह एडवोकेट व जय प्रकाश सिंह बनाए गए हैं।
मौजूदा बसपा प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर के स्थान पर आरएस कुशवाहा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। रामअचल राजभर को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। सतीश चंद्र मिश्रा राष्ट्रीय महासचिव पूर्व की तरह पार्टी का लीगल काम देखते रहेंगे और अपरकास्ट को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे।