इस दिन किसानों का कर्ज होगा माफ, नई सरकार ने निकाला तोड़

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नेशनल डेस्क ।। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही किसानों की कर्जमाफी पर सबसे अधिक फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने से पहले कमलनाथ ने कहा है कि उनका पहला काम किसानों के ऋण पर चर्चा का होगा। इसकी वजह से सहकारिता विभाग ने जिला सहकारी बैंक और कामर्सियल बैंकों से कृषि ऋण से जुड़ी पूरी जानकारी मांगी है।

जिला सहकारी बैंक में अब तक रिकार्ड ही ऐसा नहीं तैयार था कि पूरे ऋण की जानकारी मिल सके। सहकारी समितियों में वसूली और ऋण वितरण की समय पर जानकारी ब्रांचों के माध्यम से नहीं आ पाती है। इसी के चलते सभी २१ ब्रांचों को बैंक सीइओ ने निर्देशित किया था कि रविवार की दोपहर तक हर हाल में पूरा ब्यौरा भेजें।

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पांच ब्रांचों की जानकारी तो आ गई लेकिन अन्य स्थानों से यह सूचना आई कि अवकाश की वजह से कम्प्यूटर आपरेटर और कर्मचारियों के नहीं आने की वजह से जानकारी एकत्र नहीं हो सकी है।

भूमि विकास बैंक परिसमापन के दायरे में हैं, वहां पर तीन वर्ष से वसूली पूरी तरह से बंद है। इस बैंक का ५० करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। सबसे अधिक समस्या जिला सहकारी बैंक के अलग-अलग तरह के ब्यौरे को जुटाना मुश्किल हो रहा है। कामर्सियल बैंकों ने तो जानकारी भेजी है लेकिन सबसे अधिक समस्या जिला सहकारी बैंक में ही हो रही है।

इसी बैंक में किसानों की संख्या भी सबसे अधिक बताई जा रही है। अब बैंक प्रबंधन का कहना है कि समितियों द्वारा सही जानकारी नहीं भेजे जाने की वजह से आंकड़े जुटाने में परेशानी हो रही है। अपेक्स बैंक को जितनी जानकारी संकलित हुई थी , वह भेजी गई है। साथ ही कहा गया है कि सोमवार को प्रयास होगा कि सारे आकड़े भेजे जाएं। बताया जा रहा है कि जिला सहकारी बैंक में करीब 212 करोड़ रुपए से अधिक का कृषि ऋण है।

रीवा जिले में लीड बैंक(यूबीआई) ने शासन को जो जानकारी भेजी है, उसमें बताया गया है कि रीवा जिले में 28 प्राइवेट, सरकारी एवं सहकारी बैंक हैं। जहां पर किसानों पर कृषि ऋण के नाम पर 1018 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें किसान क्रेडिट कार्ड, खाद, बीच, कृषि यंत्री, डेयरी, मछली, कुक्कुट सहित अन्य तरह के कृषि व्यवसाय के लिए दिए गए ऋण शामिल हैं। जिस तरह से हर जिले से कृषि ऋण के आंकड़े सामने आ रहे हंै, उससे माना जा रहा है कि कर्जमाफी सरकार के लिए आसान नहीं होगी।

प्रदेश में नई सरकार के गठन से पहले ही कर्जमाफी की कवायद तेज हो गई है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के दस दिन के भीतर किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कमलनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले किसानों की कर्ज माफी पर चर्चा होगी। इस पर पहले ही जानकारी मांगी गई थी। जिला सहकारी बैंक के पास एक और पत्र पहुंचा है, जिसमें कहा गया है कि कृषि कार्य से जुड़े जितने भी ऋण हैं, उनका संपूर्ण ब्यौरा भेजा जाए।

फोटो- फाइल

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