आंखों के सामने कराहते बाप ने तोड़ा दम, बेटे ने सुनाई कस्‍टडी में हापुड़ पुलिस की बेरहमी की दास्‍तां

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उत्तर प्रदेश ।। यूपी के हापुड़ जिले में पिलखुवा थाने में रविवार रात एक हत्या के मामले में पूछताछ के दौरान पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत हो गई। मामला सामने आते ही पुलिस पर उसके साथ थर्ड डिग्री का प्रयोग करने का आरोप लगा है।

जिसके बाद घटना से आहत परिवारवालों और ग्रामीणों ने गांव से लेकर मेरठ तक हंगामा और प्रदर्शन किया। इधर, मामले में एसपी ने जांच के आदेश देते हुए थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया हैं। वहीं, पीड़ित परिजनों द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख एक करोड़ रुपये मुआवजा और तीन सदस्यों को सरकारी नौकरी की मांग की गई है।

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सूचना के मुताबिक, पिलखुवा थाना क्षेत्र के लाखन गांव के रहने वाले राजकुमार तोमर किसान हैं। उनका पुत्र प्रदीप (31 वर्ष) खेती में पिता के साथ सहयोग करने के साथ ही गार्ड की भी नौकरी करता था। रविवार रात राजकुमार का छोटा बेटा कुलदीप अपनी भाभी और भतीजों को लेकर बाइक से घर लौट रहा था। इसी बीच पिलखुवा की छिजारसी चौकी के पास पुलिसकर्मियों ने बाइक रोक ली और फोन कर चालान करने का बात बोलकर प्रदीप को चौकी पर बुलवा लिया।

परिवारवालों के अनुसार, पुलिस ने प्रदीप के भाई, पत्नी और बच्चों को दूसरे कमरे में बैठा दिया। इसके बाद उन्होंने प्रदीप से 30 अगस्त को हुई महिला की हत्या के मामले में पूछताछ शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि जिस महिला के बारे में पूछताछ की जा रही थी, वह गौतमबुद्ध नगर की रहने वाली थी, जो रिश्ते में प्रदीप के साले की पत्नी थी। पुलिस को संदेह था कि प्रदीप और महिला के बीच नजदीकियां थीं।

इसी चलते उसकी हत्या के बारे में प्रदीप से पूछताछ के लिए ही पुलिस ने उसे बुलाया था। मृतक के बच्चे ने बताया कि इस दौरान पुलिसकर्मी उसके पिता को देर रात तक पीटते रहे, जिससे उसकी हालत खराब हो गई। बाद में पुलिसकर्मी प्रदीप को लेकर पिलखुवा के जीएस मेडिकल कॉलेज गए, जहां से उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। यहां देर रात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सोमवार सुबह जब गांव में प्रदीप की मौत की सूचना मिली तो परिवार के लोग ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ पहले छिजारसी पुलिस चौकी और फिर थाने पहुंचकर प्रदर्शन कर घेराव किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। वहीं, पुलिस कस्टडी में हुई मौत की सूचना पर अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

इसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से लाखन गांव और कोतवाली में कई थानों की पुलिस तैनात कर दी गई है। मामले में एसपी डॉक्टर यशवीर सिंह ने बताया कि 30 अगस्त को एक महिला का जला हुआ शव मिला था। इसी सिलसिले में जांच के दौरान प्रदीप का नाम सामने आने पर पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे बुलाया था। परंतु यहां पूछताछ के दौरान उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने के आरोप में पिलखुवा थाना प्रभारी योगेंद्र बालियान, चौकी इंचार्ज अजब सिंह और सिपाही मनीष को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए हैं।

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