टेकडेस्क. Google का इस्तेमाल करोड़ों की संख्या में लोग करते हैं। जो स्मार्टफोन या फिर इंटरनेट का इस्तेमाल करता है, वह तो जरूर ही गूगल का इस्तेमाल करता ही है। लेकिन गूगल से जुड़ी एक जानकारी सामने आई है। एसोसिएटेड प्रेस की जांच में सामने आया है कि गूगल आपके लोकेशन डाटा को स्टोर करता है। फिर चाहे एंड्रॉयड या फिर आईओएस, कोई भी फोन हो।
गूगल फोन की प्राइवेसी सेटिंग में लोकेशन बंद होने के बावजूद यह जानकारी स्टोर करता है। प्रिंसटन में कंप्यूटर विज्ञान शोधकर्ताओं ने एपी के अनुरोध पर इन निष्कर्षों की पुष्टि की है।
ज्यादातर गूगल आपकी लोकेशन की जानकारी के लिए अनुमति मांगता है। वहीं, गूगल मैप जैसी एप्स यूजर से उसकी लोकेशन की जानकारी के लिए याद दिलाता रहता है। मिनट दर मिनट की लोकेशन की जानकारी के इकठ्ठे होने की वजह से आपकी गोपनीयता नहीं रह जाती है। कई बार पुलिस संदिग्धों की लोकेशन जानने के लिए इसका इस्तेमाल भी बाद में करती है। वहीं, गूगल कहता है कि आप कभी भी अपनी लोकेशन को सेटिंग में जाकर बंद कर सकते हैं। इसके बाद आगे की लोकेशन दर्ज नहीं होगी लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। कई गूगल एप्स ऐसी हैं जो अपने आप लोकेशन डाटा को स्टोर करती हैं।
उदाहरण के तौर पर जब आप गूगल मैप खोलते हैं तो फिर लोकेशन स्टोर हो जाती है। इसी तरह जगह के हिसाब से मौसम के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इस बारे में फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन के प्रवर्तन ब्यूरो के प्रिंसटन कंप्यूटर वैज्ञानिक और पूर्व मुख्य तकनीशियन जोनाथन मेयर ने कहा, यूजर्स की वरीयताओं के उल्लंघन में लोकेशन डाटा को स्टोर करना गलत है। वहीं, एक अन्य शोधकर्ता ने एपी के निष्कर्षों को सही ठहराया है।
वहीं, गूगल ने भी बताया है कि लोकेशन स्टोर विज्ञापन को टारगेट करने के लिए किया जाता है। विज्ञापन देने वाली कंपनी लोकेशन के हिसाब से अपना विज्ञापन गूगल पर दे सकती है। वहीं, वेब और एप एक्टिविटी पर जाकर गूगल को लोकेशन स्टोर करने से रोक सकते हैं।