पिछड़ावर्ग सम्मेलन में सपा नेता राम आसरे विश्वकर्मा ने न्यायपालिका में की आरक्षण की मांग, कहा…

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देवरिया/कुशीनगर।। 2019 के चुनाव की कवायद में जुटी समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में पिछड़ों को अपने पाले में करने की होड़ सी मची हुई है। इसी क्रम में जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में समाजवादी पार्टी में पिछड़ों के अग्रणी नेता व पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग सम्मलेन को सम्बोधित किया तो वहीँ प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीजेपी का पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित हुआ। इन दोनों ही कार्यक्रमों में विश्वकर्मावंशियों ने बढ़चढ़ कर भागीदारी की। हालाँकि लखनऊ के भाजपा नीत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के न आने से विश्वकर्मा समाज में काफी आक्रोश देखने को मिला। लेकिन कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की मौजूदगी से कार्यक्रम के आयोजकों को थोड़ी रहत जरूर मिलती दिखी।

समाजवादी पार्टी का पिछड़ा वर्ग सम्मेलन जनपद कुशीनगर में आयोजित किया गया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये पिछडावर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष व मंत्री रहे राम आसरे विश्वकर्मा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री को अपने 4 वर्ष के विकासकार्यों पर चुनाव जीतने का भरोसा नहीं है इसलिए बीजेपी फिर से हिन्दू-मुस्लिम के एजेन्डा पर उतर आयी है। पिछडे वर्ग के लोगों को समझना होगा कि बीजेपी हमें हिन्दू बनाकर वोट लेती है और जब अधिकार और सम्मान देना होता है तो हमें पिछडा बनाकर तिरष्कृत कर देती है।

पूर्व मंन्त्री ने कहा कि लोकसभा के चुनाव को देखते हुए संवैधानिक अधिकार वाला पिछडावर्ग आयोग का विधेयक संसद से पास कराया और ऐसा प्रदर्शित कर रहे हैं जैसे पिछडो के लिये पहली बार पिछडावर्ग आयोग बनाया हो। केन्द्रीय पिछडावर्ग आयोग तो पहले से काम कर रहा था बस उसे केवल संवैधानिक दर्जा देने की मांग की गयी थी।

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यह काम केवल संवैधानिक अधिकार देने का विधेयक संसद में पास कराकर उसे अधिकार दे दिया जाता जबकि उत्तर प्रदेश के पिछडा वर्ग आयोग को पहले से ही यह संवैधानिक अधिकार प्राप्त है।

पीएम मोदी पर तंज कसते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि पहले पिछड़ा वर्ग आयोग को भंग किया और फिर पुन:अपने मनमुताबिक नया संवैधानिक पिछडा वर्ग आयोग बनाकर ऐसा प्रदर्शित कर रहे है जैसे पिछडों के लिये पहली बार पिछडा वर्ग आयोग बनाया हो। सरकार ने पिछडे वर्गों के आरक्षण के रोस्टर में फेरबदल करके ऐसे नियम बनाये हैं कि अब दलित और पिछडेवर्ग के लिये आरक्षित पद ही नहीं सृजित हो पायेगे तो पिछडे वर्ग को नौकरी कहां से मिलेगी। बीजेपी की केन्द्र सरकार ने देश के सभी राज्यों के विश्वविद्यालयों और उच्चशिक्षण संस्थानों में आरएसएस विचारधारा के कुलपति और अधिकारी नियुक्त कर रहे है।इस प्रकार देश की शिक्षा व्यवस्था में संघ की विचारधारा को जबरदस्ती थोपने का प्रयास हो रहा है।

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सपा नेता ने आरोप लगाया कि ऐसी विचारधारा जो पिछडो और दलितों को उच्च शिक्षा और उच्च अधिकारों से वंचित करने वाली हो। न्यायालयों से ऐसे आदेश कराये जा रहे है जो पिछडो के आरक्षण को मात्र 27% तक सीमित कर दिया है जिससे पिछडे वर्ग के बडी संख्या में प्रतिभावान छात्र चयन से बाहर हो गये है। विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानो में यूजीसी के नये आरक्षण के रोस्टर के अनुसार अब पिछडे या दलित वर्ग के नौजवान को अब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनना असम्भव हो गया है।जब तक देश की सुप्रीम कोर्ट में पिछडे वर्ग के जजों का प्रतिनिधित्व नहीं होगा तब तक पिछडे वर्गों के पक्ष में सही निर्णय नहीं हो सकता।

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सपा नेता ने मांग करते हुए कहा कि न्यायपालिका में पिछडे वर्गों का आरक्षण लागू किया जाना चाहिये। सपा पिछडो और अतिपिछडों के आरक्षण के विभाजन के विरूद्ध नहीं है बल्कि सपा अतिपिछडो को उनकी जनसंख्या के अनुसार उन्हें पूरा आरक्षण अधिकार देना चाहती है ताकि किसी को आपस में विवाद न हो। सपा नेता ने कहा कि “समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी चाहते है कि केन्द्र सरकार सभी पिछडी जातियों की जातिवार जनगणना कराये और जनसंख्या के अनुसार सभी पिछडी जातियों को उनका आरक्षण और अधिकार दे दे। लेकिन भाजपा सरकार पिछडे वर्गों को जनसंख्या के अनुसार उन्हें पूरा आरक्षण देना नहीं चाहती बल्कि पिछडे वर्गों के पहले से दिये गये आरक्षण को बंटवारा करके उनके आरक्षण के प्रतिशत को आधा करना चाहती है।”

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उन्होंने आह्वान करते हुए कहा हम सभी पिछडी जातियों को एकजुट होकर अपने आरक्षण और अधिकार की लडाई स्वयं लडनी होगी वरना बीजेपी हमारे अस्तित्व को समाप्त कर देगी। पिछडा वर्ग सम्मेलन को पिछडावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दयाराम प्रजापति, रामदुलार राजभर, पीएन चौहान,जगदीश कुशवाहा, राजनरायन विन्द, अवधनाथ पाल, लालता प्रसाद निषाद ,राम लोटन निषाद ,पूर्व सांसद बालेश्वर यादव, पूर्वमन्त्री, राधेश्याम सिंह पूर्व विधायक, विश्वनाथ सिंह, पूर्णमासी देहाती, शम्भू चौधरी, नथुनी कुशवाहा जिलाध्यक्ष, इलियास अन्सारी, विनय पटेल, रामबदन विश्वकर्मा सहित कई नेताओं ने सम्बोधित किया।

फोटोः फाइल

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