नई दिल्ली ।। हिंदुस्तान के मिशन- शक्ति अभियान को अमेरिका (US) का साथ मिला है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हिंदुस्तान स्पेस में सामने आ रहे खतरों को लेकर काफी चिंतित है और ये समय की मांग भी है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लिए स्पेस में अपनी ताकत बढ़ाना बेहद जरूरी हो गया है।
हिंदुस्तान ने पिछले महीने 27 मार्च को जमीन से स्पेस में मार करने वाली एंटी-सैटलाइट मिसाइल से अपने एक उपग्रह को मार गिराया था। इसके साथ ही हिंदुस्तान स्पेस की महाशक्तियों में शामिल हो गया था। इस परीक्षण के बाद हिंदुस्तान अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसमें दुश्मन के सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता है।
आपको बता दें कि NASA के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेंस्टाइन ने सोमवार को कहा था कि हिंदुस्तान द्वारा किए गए परीक्षण से फैला मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से टकरा सकता है और ये बहुत ही घातक स्थिति होगी। उनका ये बयान वर्तमान यूएस डिफेंस सेक्रेटरी पैट्रिक माइकल शनाहन के उस बयान से विपरीत था, जिसमें उन्होंने कहा कि ये मलबा धीरे-धीरे जल जाएगा और इसकी वजह से किसी सैटेलाइट को कोई खतरा नहीं है। जब पेंटागन के प्रवक्ता चार्ली समर्स से पूछा गया कि क्या वह शनाहन की राय से सहमत हैं तो उन्होंने कहा, ‘हां, मैं सहमत हूं।’