
नई दिल्ली ।। तैमूर के पापा सैफ अली खान पटौदी के नवाब माने जाते है। इनके पास अच्छी खासी प्रॉपर्टी भी है लेकिन सैफ अली चाह कर भी अपने बेटे को वारिस नही बना पाएंगे।
क्योंकि आपको को बता दे कि सैफ की प्रॉपर्टी विवादों में घिरी है दरअसल सैफ पूरी चल अचल संपत्ति शत्रु संपत्ति विवाद अधिनियम के अंतर्गत आती है इस अधिनियम के अनुसार वंशज संपत्ति पर दावा नही कर सकता है और नाही अपने बच्चें के नाम ये प्रापर्टी कर सकते है सैफ यदि ऐसा करने की कोसिस करेंगे तो उन्हें पहले हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा करना करना पड़ेगा। तो चलिए जानते ही कि क्यों नही कर सकते सैफ अपनी सारी प्रापर्टी अपने बेटे तैमूर के नाम पर।
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सैफ के दादा की हरियाणा में दूसरी जगहों पर कम से कम 5000 करोड़ की संपत्ति है। हम आपको बता दे कि सैफ के पिता के निधन के बाद सैफ की माँ शर्मिला टैगोर ने ही पूरी प्रापर्टी की देख रेख करने लगी और बाद में इस प्रापर्टी की देखरेख की जिम्मेदारी सैफ की बहन सबा के हाथों में सौप दी थी हालांकि नवाब पटौदी की वसीयत के बारे में अभी तक कोई नही जानता है।
इसी की वजह से यह पता नही चल पा रहा है कि वसीयत में तीनों बच्चों को कितना कितना हिस्सा सबको दिया गया है। इस वसीयत को लेकर बहुत दिनों से विवाद चल रहा है। भोपाल में अब जितनी भी प्रापर्टी है वो सब अब शत्रु संपत्ति अधिनियम के अंतर्गत आ चुकी है।
गृह मंत्रालय का शत्रु संपत्ति विभाग इस संपत्ति की लंबे से जांच कर रहा है। हम आपको बता दे की भोपाल में नवाब हमीदुल्ला का कोई वारिस नही था ऐसे में उन्होंने अपनी बड़ी बेटी आबिदा को इस संपत्ति का वारिस बनाया था जो बाद में पाकिस्तान में जाकर रहने लगी इसके बाद इनकी मंझली बेटी साजिदा इस प्रापर्टी की वारिस बन गई।
इसके बाद साजिदा की शादी इफ्तिखार अली खान के साथ हुआ था इनके बेटे का नाम मंसूर अली खान था। मंसूर अली खान की शादी शर्मिला टैगोर से हो गयी जिनसे सैफ अली खान हुए इस तरह भोपाल के जमीन पर इनका पूरा हक है क्योंकि इनका परिवार भी काफी बड़ा है।
फोटो- फाइल
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